
अलीगढ़. उत्तर प्रदेश से एक दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है, जहां पत्नी को अकेले ही अपने पति का अंतिम संस्कार करना पड़ा। दिनभर लाश रखे इंतजार करती रही कि कोई आएगा, लेकिन ना तो परिवार वाले आए और ना ही पड़ोस वाले। जब सबने दूरी बना ली तो आखिर में एक डॉक्टर ने मदद की।
इस वजह से किसी ने नहीं की महिला की मदद
दरअसल, युवक की मौत किडनी खराब होने के चलते हुई थी, लेकिन लोगों को लगा कि कोरोना से मौत हुई है। सुबह से शाम हो गई लेकिन कोई नहीं आया, यहां तक कि कुछ दूर रहने वाला देवर भी नहीं आया। फिर सुलेखा ने उस डॉक्टर को कॉल कर अपनी कहानी सुनाई जहां वह नौकरी करती थी। युवती की बात सुनकर डॉक्टर कुछ लोगों के साथ मौके पर पहुंच गए। पहले तो उन्होंने पड़ोस वालों को जमकर खरी-खोटी सुनाई, कहा तुम इंसान हो या जानवर जो एक महिला की मदद नहीं कर सकते। फिर इसके बाद अंतिम संस्कार के सारे इंतजाम किए। बता दें कि महिला के कोई बेटा नहीं है, सिर्फ तीन बेटिया हैं।
पत्नी ने मुखाग्नि देने किया इंकार
डॉक्टर ने फिर एक संस्था की मदद से सुलेखा के पति का शव शमशान घाट लेकर आए। लेकिन यहां महिला ने मुखाग्नि देने से मना कर दिया। रोते हुए कहने लगी कि जिसको उसने पूरा जीवन प्यार किया..हर पल एक दूसरे का साथ निभाया..अब कैसे वह उसकी चिता जला सकती है। फिर लोगों ने समझाया तब कहीं जाकर वह मुखाग्नि देने को तैयार हुई।
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