बागेश्वर के तल्लीहाट में ग्रामीणों में बाहरी व्यक्तियों का गांव में प्रवेश बैन कर दिया है। इसके बाद अगर बाहरी व्यक्ति को गांव के अंदर आना है तो उसे टैक्स अदा करना होगा। ऐसा न करने पर उससे जुर्माना वसूल किया जाएगा।
बागेश्वर: उत्तराखंड सरकार की ओर से प्रदेश में चलाए जा रहे सघन सत्यापन अभियान का असर देखने को मिल रहा है। पहाड़ के दूरस्थ जनपद बागेश्वर में भी ग्रामीणों ने बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। यहां गरुड़ के तल्लीहाट में ग्रामीणों ने आपस में बैठक कर सर्वसम्मति से निर्णय लिया। इसके बाद गांव के बाहर प्रवेश द्वार पर बोर्ड लगा दिया गया है। इस बोर्ड में जरिए यह संदेश दिया जा रहा है कि गांव में बाहरी व्यक्ति के आने पर पाबंदी है। बावजूद इसके बाहरी व्यक्ति के आने पर टैक्स और जुर्माना वसूल करने का भी प्रावधान है। हालांकि इस कवायद के कानूनी होने पर सवाल खड़ा होता दिखाई पड़ रहा है।
फेरीवालों को कटवानी होगी पर्ची
ग्रामीणों ने बताया कि तल्लीहाट सड़क के करीब में हैं। लिहाजा आए दिन वहां फेरीवाले, कबाड़वाले और भारी संख्या में अन्य लोग आते रहते हैं। इस पर रोक लगाने को लेकर ही यह निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के तहत पुलिस सत्यापन के बाद भी फेरीवालों को गांव में घुसने के लिए 200 रुपए की पर्ची कटवानी होगी। ऐसा नहीं करने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। गांव के भीतर बाहरी लोगों को दुपहिया वाहन लाने की भी अनुमति नहीं होगी। इसका उल्लंघन करने पर 1000 रुपए के जुर्माने का भी प्रावधान है।
आखिर क्यों लिया गया है ये फैसला
ग्राम प्रधान पुष्पा देवी कहती हैं कि गांवके ज्यादातर लोग खेती किसानी करते हैं। उनका समय इसी तरह से ही गुजरता है। घर में बहू-बेटियां अकेले रहती है। लिहाजा उनकी सुरक्षा को लेकर भी हमेशा भय बना रहता है। इस कारण से गांव के लोगों ने निर्णय लिया है कि गांव में बाहरी व्यक्तियों का आना प्रतिबंधित कर दिया जाए। ग्रामीणों की इस पहल की जहां कुछ लोग जमकर सराहना कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इस पर सवाल भी उठा रहे हैं। जानकार इसे तुगलकी फरमान और असंवैधानिक करार दे रहे हैं।
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