उत्तराखंड के देहरादून और हरिद्वार में बाल श्रम को रोकने के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने बैठक कर कहा कि दोनों जिलों में लगातार बाल श्रमिकों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिस पर रोक के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन कर मुक्त कराया जाए।
देहरादून: उत्तराखंड में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बाल श्रम के खिलाफ को लेकर बैठक की। जिसमें आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना ने कहा कि देहरादून और हरिद्वार में बाल श्रम के खिलाफ अभियान चलाकर अब तक 45 बच्चों को चिन्हित कर मुक्त कराया गया है। इतना ही नहीं इसके साथ ही 16 प्रतिष्ठानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने आगे कहा कि राज्य में बाल श्रमिकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, इसलिए इसको रोकने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
अभियान चलाकर जिलों को कराए मुक्त
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ऑनलाइन बैठक में आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि 12 से 20 जून तक इन दोनों जिलों में अभियान चलाकर बाल श्रमिकों को मुक्त कराया जा रहा है। जिन बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया है उनके पुनर्वास के लिए योजना बनाई जा रही है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि बाल श्रम से बच्चों को मुक्त कराए जाने को लेकर चलाए जा रहे अभियानों के प्रति लोगों को विभिन्न तरीकों से जागरूक किया जाए। दोनों जिलों को बाल श्रम से जल्द से जल्द मुक्त कराने के लिए हर संभव प्रयास किए जाए।
टोल फ्री नंबर में दे सकते जानकारी
इस बैठक में सदस्य विनोद कपरुवाण, अखिलेश मिश्रा, डॉ. निधि, डॉ. रश्मि, पूजा, सुरेश आर्य, बृजमोहन, दीपिका पंवार, सुरेश उनियाल, हेमंत खंडूरी आदि मौजूद रहे। इसके अलावा बैठक में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य दीपक गुलाटी ने कहा कि आयोग ने बाल श्रम पर रोक के लिए टोल फ्री नंबर 1098 जारी किया है। इसके अलावा आयोग के नंबर पर भी इस संबंध में जानकारी दी जा सकती है। बाल श्रम को रोकने के लिए राज्य का आयोग पूरी कोशिशे करने में लगा हुआ है।