महात्मा गांधी ने मदन मोहन को दी थी महामना की उपाधि, जानिए पंडित की कर्मभूमि BHU क्यों है सबसे अलग

बीएचयू के लिए मोहन मालवीय की जयंती काफी खास है। इस दिन पूरे परिसर को विभिन्न प्रकार के पुष्पों से सजाया जाता है। जिसको देखने के लोग काफी उत्साहित होते हैं। मदन मोहन को महात्मा गांधी ने महामना की उपाधि दी थी। 

अनुज तिवारी
वाराणसी:
विश्व को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) जैसा संस्थान देने वाले पंडित मदन मोहन मालवीय की 161 वीं जन्मजयंती मनाया जा रहा। 25 दिसंबर, 1861 को इलाहाबाद ( मौजूदा समय में प्रयागराज) में जन्मे महामना ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। वह भारत के पहले व्यक्ति हैं जिन्हें महामना के सम्मानजनक उपाधि से विभूषित किया गया। मालवीय एक पत्रकार, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को महात्मा गांधी अपना बड़ा भाई मानते थे। पंडित मदन मोहन मालवीय को महामना की उपाधि भी बापू ने ही दी थी। महामना हमेशा सत्य की राह पर चलने वाले महापुरुष थे। उन्होंने समाज को हजारों साल पहले उपनिषदों में लिखें "सत्यमेव जयते" को लोकप्रिय बनाया जो बाद में चलकर राष्ट्रीय आदर्श वाक्य बधाई और इस वाक्य को राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे अंकित किया गया।
 
विनम्र स्वभाव के महामना ने दान समझकर ली थी निजाम की जूती
बीएचयू निर्माण के दौरान मालवीय और हैदराबाद के निजाम का एक किस्सा बड़ा मशहूर है। मालवीय ने निजाम से जब आर्थिक मदद मांगी उस समय हैदराबाद के निजाम ने कहा कि दान के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं आप मेरी जूती ले सकते हो। विनम्र स्वभाव के मालवीय ने उसे दान समझकर लिया और निजाम की जूती लाकर बाजार में निलाम करने लगे। जब इसकी जानकारी निजाम को मिली तो उसे अपनी बेइज्जती महसूस हुई। उसने तुरंत मालवीय जी को बुलाकर विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए दिल खोलकर दान किया। 

BHU वेद विभाग में सबसे पहले महिला का दाखिला महामना ने था कराया
महामना पंडित मदन मोहन मालवीय अपने फैसलों के लिए जाने जाते थे। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में उन्होंने एक बड़ा ही अद्भुत फैसला लिया। विश्वविद्यालय में बीएचयू ऐसा पहला विश्वविद्यालय बना जिसमें वेद की शिक्षा के लिए महिला ने दाखिला लिया।‌ वैदिक विज्ञान केंद्र के समन्वयक प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि बंगाल से अल्का नाम की एक महिला ने BHU में वेद पढ़ने की इच्छा जताई। महिला ने महात्मा गांधी से लिखित में पैरवी भी करवाई थी। मालवीय ने जब गांधी की चिट्ठी देखी तो पढ़ने की अनुमति दे दी। परंतु इस पर तमाम वेद शास्त्री और बनारस के दूसरे संस्कृत महाविद्यालयों के आचार्यों ने नाराजगी जता दी थीं। परंतु महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के तर्क के आगे बड़े-बड़े वेदाचार्य भी असहाय दिखे।

Latest Videos

विश्वविद्यालय में होगा भव्य कार्यक्रम
पंडित मदन मोहन मालवीय के 161वीं जन्म जयंती पर पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किया गया है। उसके साथ ही विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्रों एवं विभाग द्वारा मालवीय की जन्म जयंती पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया जा रहा है। मालवीय भवन को विभिन्न पुष्पों से सजाया गया और लोग हमेशा की तरह जोश के साथ आ रहे है। 25 दिसंबर से 27 दिसंबर तक पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया गया है।

CM योगी के बाद BSP प्रमुख मायावती ने बोली बड़ी बात, कहा- जबरन और बुरी नियत से धर्मांतरण कराना पूरी तरह गलत

जहरीली शराब पीने से 2 भाइयों की मौत, कमरे के अंदर दोनों के शव देख मां रह गई हैरान, ग्रामीण लगा रहे गंभीर आरोप

सिद्धार्थनगर: निजी बस अनियंत्रित होकर नहर में पलटी, 20 यात्री गंभीर रूप से घायल, कुछ देर बाद हुआ दर्दनाक हादसा

एक साथ जहर खाकर दोनों आ गए अपने घर वापस, शादी के 12 दिन बाद प्रेमिका ने प्रेमी के साथ किया ऐसा काम

7 साल बाद लव मैरिज का दर्दनाक अंत, पत्नी की हत्या के बाद घर में दफनाया शव, आरोपी की मां ने खोला अहम राज

हरदोई में विधवा महिला से शारीरिक शोषण के बाद कराया गर्भपात, पीड़िता बोली- आरोपी के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई

Share this article
click me!

Latest Videos

Maharashtra Election: CM पद के लिए कई दावेदार, कौन बनेगा महामुकाबले के बाद 'मुख्य' किरदार
Congress LIVE: राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग
कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?
शर्मनाक! सामने बैठी रही महिला फरियादी, मसाज करवाते रहे इंस्पेक्टर साहब #Shorts
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!