उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की वेबसाइट हुई हैक, साहित्यकारों के नाम के साथ हुई छेड़छाड़

उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने बताया, 'आयोग की वेबसाइट हैक कर ली गई और साहित्यकारों के नामों के साथ छेड़छाड़ की गई। हालांकि, वेबसाइट को फिर से बहाल कर लिया गया है और साइबर अपराध शाखा के पास इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 29, 2021 2:21 PM IST

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ( Higher Education Service Commission) की वेबसाइट को हैकरों ने कथित तौर पर मंगलवार को निशाना बनाया और उसपर दर्ज कई साहित्यकारों  (litterateurs) के नामों से छेड़छाड़ की। हालांकि, आयोग का दावा है कि उसने कुछ देर बाद ही साहित्यकारों के नामों को ठीक कर लिया।

आयोग के अध्यक्ष ने दी जानकारी
उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने बताया, 'आयोग की वेबसाइट हैक कर ली गई और साहित्यकारों के नामों के साथ छेड़छाड़ की गई। हालांकि, वेबसाइट को फिर से बहाल कर लिया गया है और साइबर अपराध शाखा के पास इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि साहित्यकारों के नामों में बदलाव आयोग की तरफ से नहीं किया गया है। आयोग की वेबसाइट में प्रयागराज के बारे में दी गई जानकारी में प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) के प्रसिद्ध कवि और साहित्यकारों के बारे में लिखा गया है, जिनमें मशहूर शायर सैयद अकबर हुसैन उर्फ अकबर इलाहाबादी, नूर नरबी, तेग इलाहाबादी, शबनम नकवी और राशिद इलाहाबादी शामिल हैं। 

हैकिंग के दौरान नामों से की गई छेड़छाड़
वेबसाइट को कथित तौर पर हैक करने के बाद अकबर इलाहाबादी को अकबर प्रयागराज, तेज इलाहाबादी को तेग प्रयागराज और रशीद इलाहाबादी को राशिद प्रयागराज कर दिया गया। वेबसाइट के हिंदी संस्करण में तो इन नामों को ठीक कर लिया गया, लेकिन वेबसाइट के अंग्रेजी संस्करण में खबर लिखे जाने तक छेड़छाड़ वाले नामों को ठीक नहीं किया जा सका था। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद शहर का नाम कुम्भ 2019 से पूर्व 2018 में बदल कर प्रयागराज कर दिया था। शहर के साहित्यकार एवं पत्रकार धनंजय चोपड़ा ने इस मामले में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि शहर इलाहाबाद इतिहास के पन्नों में दर्ज है और शहर के साहित्यकारों ने इस शहर को जिया और अपने नाम के आगे इलाहाबादी जोड़ने में गर्व महसूस किया। उन्होंने कहा कि यह इतिहास को बदलने जैसा है। 

Share this article
click me!