कौन है कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड, पुलिस को मिले हयात जफर हाशमी के खिलाफ ये अहम सबूत

कानपुर दंगों के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी के घर पुलिस ने शनिवार रात को छापा मारा। हयात के घर और उसके मोबाइल की जांच करने पर AIIC, RIF, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI), और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) जैसे संगठनों से जुड़े डॉक्यूमेंट मिले हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 5, 2022 8:56 AM IST

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में भड़की हिंसा को लेकर योगी सरकार सख्ती के मूड में है। पुलिस ने इस हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी समेत 29 लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्य साजिशकर्ता और आरोपी हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi) के तार पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से भी जुड़ने के अहम सबूत पुलिस को मिले हैं। पुलिस ने हाशमी के घर से PFI से जुड़े 4 और संगठनों के डाक्यूमेंट्स बरामद किए हैं। 

आखिर कौन है हयात जफर हाशमी : 
हयात जफर हाशमी कानपुर का मुस्लिम नेता है। वह मौलाना मोहम्मद अली  जौहर फैंस एसोसिएशन (MMA) का चीफ है। हाशमी ने CAA और NRC के दौरान यूपी के कई धरना-प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था। मुस्लिमों का मसीहा बनने के लिए हाशमी अक्सर किसी न किसी मुस्लिम संगठन के साथ मिलकर काम करता है। 

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हयात जफर हाशमी का विवादों से गहरा नाता : 
- हयात जफर हाशमी पर आरोप है कि उसने अपनी मां और बहन को मकान खाली कराने के नाम कानपुर के कलेक्टोरेट ऑफिस में आत्मदाह के लिए उकसाया था। दोनों ने खुद को आग के हवाले कर दिया और बाद में उनकी मौत हो गई। 
- 21 अक्टूबर, 2021 को जफर हाशमी ने मूलगंज से मेस्टन रोड, शिवाला बाजार, रामनारायण बाजार होते हुए फूलबाग तक जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला था। इस जुलूस को लेकर उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। 
- हाशमी ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे को भी धमकी दी थी। दरअसल, राज ठाकरे ने कहा था कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान बंद नहीं हुई तो वो 3 मई को उनके सामने लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा पढ़ेंगे। इस पर हाशमी ने राज ठाकरे को धमकी दी थी। 

पुलिस को मिले हाशमी के खिलाफ ये अहम सबूत : 
पुलिस की टीमों ने शनिवार रात हयात जफर हाशमी के घर छापा मारा, जहां से कई दस्तावेज जब्त किए। हयात के घर और उसके मोबाइल की जांच करने पर AIIC, RIF, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI), और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) जैसे संगठनों से जुड़े डॉक्यूमेंट मिले हैं। ये सभी डॉक्यूमेंट फंडिंग से जुड़े हैं। इन चारों संस्थाओं की फंडिंग PFI करता है। पुलिस को शक है कि हयात जफर हाशमी भी PFI से जुड़ा हुआ था। इसके अलावा हिंसा के दौरान हाशमी की लोकेशन भी यतीमखाना चौराहे के पास मिली। वहीं दंगों में शामिल दूसरे साजिशकर्ताओं की लोकेशन भी यही थी। 

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