Helicopter Cresh में शहीद हुए विंग कमांडर पृथ्वी सिंह हुए पंचतत्व में विलीन, मासूम बच्चों ने दी मुखाग्नि

सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए आगरा के विंग कमांडर पृथ्वी सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे खेरिया एयरपोर्ट पर पहुंचा। इस दौरान तमाम पुलिस प्रशासन सेना के अधिकारी मौजूद रहे। यहां से उनका शरीर फूलों से सजे सैन्य वाहन में एमजी रोड होते हुए दयालबाग स्थित घर लाया गया। देशभक्ति के जयघोषों के बीच ताजनगरी ने अपने जांबाज विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान को अंतिम विदाई दी।  शनिवार दोपहर को करीब ढाई बजे ताजगंज मोक्षधाम में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उससे पहले  वायु सेना ने अंत्येष्टि स्थल पर उन्हें गार्ड ऑफ होनर दिया।

आगरा: कुन्नूर (Coonoor ) में हुए हेलीकॉप्टर हादसे (helicoper cresh) ने कई वीर सपूतों को मौत की नींद सुला दिया। इन्हीं में सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) के साथ  शहीद हुए विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान ( Wing Commander Prithvi Singh Chauhan) का हादसे के तीन दिन बाद शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार (last farewell) किया गया। विंग कमांडर चौहान का परिवार 2006 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर से आगरा आ गया था। कमांडर को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगो की भीड़ उनके पहुंचने से पहले ही जमा हो गई। जिस रास्ते से शहीद का पार्थिव शरीर घर पर लाया गया, उस राह पर लोगों ने फूल बिछा दिए। सरन नगर से शहीद पृथ्वी सिंह की अंतिम यात्रा ताजगंज मोक्षधाम के लिए रवाना हुई, जिसमें हजारों लोग उमड़े। आठ साल के मासूम बेटे व 12 साल की बेटी ने शहीद पिता पृथ्वी सिंह को मुखाग्नि दी तो हर किसी की आंखें भर आईं।

मन में गर्व के साथ नम आंखों ने दी वीर को श्रद्धांजलि 
तीन दिन बाद उनका पार्थिव शरीर आगरा (Agra) लाया गया। डीएनए जांच के चलते पार्थिव शरीर आने में देरी हुई। सरन नगर स्थित शहीद के घर से एमजी रोड होते हुए अंतिम यात्रा निकाली गईं, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। भारत माता की जय, जब तक सूरज-चांद रहेगा, पृथ्वी तुम्हारा नाम रहेगा, पृथ्वी सिंह अमर रहें जैसे देशभक्ति नारों के साथ उनकी अंतिम यात्रा में निकली। विंग कमांडर का पार्थिव शरीर पहुंचने से पहले ही सरन नगर में अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग जुट गए थे। हर शख्स की आंखें नम थीं लेकिन मन में गर्व था। वो अपने जांबाज योद्धा के अंतिम दर्शन करना चाहते थे। 

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सबसे छोटे थे विंग कमांडर पृथ्वी 
आपको बता दें कि  पृथ्वी सिंह चौहान पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। विंग कमांडर चौहान मध्य प्रदेश के रीवा स्थित सैनिक स्कूल (sainik school) में पढ़ाई की। वह 2000 में हैदराबाद में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए और इस समय तमिलनाडु के कोयंबटूर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर तैनात थे। पृथ्‍वी का वृंदावन निवासी कामिनी सिंह से 2007 में विवाह हुआ था। उनकी 12 वर्षीय बेटी आराध्‍या और नौ वर्षीय बेटा अविराज है।

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