
इटावा: उत्तर प्रदेश के जिले इटावा में कलेक्ट्रेट में एक महिला अपने लापता पति को वापस लाने के लिए एसडीएम के सामने गुहार लगा रही है। उनके सामने महिला फूट-फूट कर रोयी। महिला का पति साल 2004 से लापता है और वापस लाने के लिए बेटे के साथ धरने पर बैठी है। दस दिनों से कलेक्ट्रेट परिसर में यह धरना चल रहा है। महिला की मांग है कि उसके लापता पति को प्रशासन हमारे सामने लेकर आए। महिला का कहना है कि दो नामजद लोगों ने मेरे पति का 2004 में अपहरण कर लिया था। उसके बाद उनकी हत्या कर दी थी, लेकिन पति का शव तक नहीं मिला। पर सात साल बाद लापता पति ने अपने पिता की जमीन उन्हीं दो नामजद आरोपियों के नाम कैसे कर दी।
2011 में तैनात SDM पर महिला ने लगाया आरोप
लापता अधिवक्ता विनय कुमार मिश्रा की पत्नी अधिवक्ता मीरा मिश्रा कचहरी में बरगद के पेड़ के नीचे अपने बड़े बेटे के साथ धरने पर बैठी हैं। महिला का आरोप है कि उसके पति का अपहरण कर हत्या कर दी गई। उसके बाद साल 2011 में पति ने अपनी 13 बीघा जमीन उन्हीं दो आरोपियों के नाम कैसे कर दी। जिनके ऊपर मेरे द्वारा अपहरण, हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था। मरा हुआ इंसान सात साल बाद कैसे बैनामा कर सकता है। इतना ही नहीं महिला ने नामजद आरोपियों के साथ साथ 2011 में तैनात रहे SDM पर भी मिली भगत का आरोप लगाया है। सदर एसडीएम राजेश कुमार के सामने अधिवक्ता पत्नी मीरा मिश्रा खूब रोईं।
महिला पिछले दस दिनों से धरने पर है बैठी
इस बात के बाद से महिला अब प्रशासन से गुहार लगा रही है कि मेरे पति की हत्या नामजद आरोपियनों ने नहीं की तो मेरे पति को सामने लाओ। अगर पति विनय की हत्या साल 2004 में हुई है तो नामजद आरोपियों को अपहरण, हत्या के मामले में जेल भी भेजा जाए और साथ ही फर्जी तरह से करवाए गए बैनामे को कैंसिल कर दिया जाए। उसके बाद यह जमीन मेरे बेटे और मेरे नाम की जाए क्योंकि मेरे ससुर के नाम पर थी तो पति उस भूमि का बैनामा करने का अधिकार ही नहीं था। पीड़िता करीब दस दिन से धरने पर बैठे हुई है लेकिन कोई सुनवाई करने वाला नहीं है।
जमीन के विवाद में अपहरण कर की हत्या
पीड़िता का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक धरने पर बैठे रहेंगे। इस मामले में जब तक कोई सुनवाई नहीं होगी तब तक नहीं हटेंगे। पति की हत्या अगर इस जमीन के लिए की गई थी, पहले अपहरण किया और उसके बाद मौत के घाट उतार दिया। लेकिन शव भी नहीं मिला और किसी आरोपियों को सजा हुई। उसके बाद 2011 में मरा व्यक्ति जमीन का बैनामा कैसे आरोपियों के नाम कर दिया। वो जमीन पति की नहीं है, ससुर की थी फिर कैसे दाखिल खारिज से लेकर पूरी कार्रवाई पूरी हुई। यह सभी सवालों के जवाब जब तक मिल नहीं जाते धरना जारी रहेगा। अगर पति जिंदा है तो पुलिस प्रशासन उनको सामने लेकर आए।
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