66 दिन बाद अस्थायी रूप से धरना खत्म, महिलाएं छोड़ गईं दुपट्टा और मंच,शाहीन बाग की तर्ज पर चल रहा था प्रदर्शन

Published : Mar 23, 2020, 10:52 AM IST
66 दिन बाद अस्थायी रूप से धरना खत्म, महिलाएं छोड़ गईं दुपट्टा और मंच,शाहीन बाग की तर्ज पर चल रहा था प्रदर्शन

सार

प्रदर्शन स्थगित करने को लेकर वहां बैठी महिलाओं ने कहा कि अगर हम में से किसी को कोरोना जैसी बीमारी हो जाती, तो हमारा धरना हमेशा के लिए बदनाम हो जाता। हमें हमेशा इस बदनामी के साथ जीना पड़ता। इसलिए हमने देशहित के लिए यह निर्णय लिया है कि जबतक लॉकडाउन है तबतक धरना स्थगित रहेगा, लेकिन समाप्त नहीं।

लखनऊ (Uttar Pradesh)। सीएए और एनआरसी के विरोध में शाहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ के घंटाघर में पिछले 66 दिनों से चल रहे प्रदर्शन को अचानक स्थगित कर दिया गया है। धरना स्थल खाली करने के बाद भी महिलाओं ने सांकेतिक प्रदर्शन के लिए वहां अपने दुपट्टे छोड़ दिए हैं। 17 जनवरी से चल रहे इस प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने पुलिस आयुक्त को लिखित सूचना दी कि वे कोरोना वायरस के कारण इस धरने को फिलहाल स्थगित कर रही हैं। लॉकडाउन के आदेश की अवधि समाप्त होने सभी महिलाएं फिर से उसी जगह पर प्रदर्शन चालू रखेंगी। महिलाओं के हटते ही नगर निगम ने सफाई व धुलाई शुरू कर दी है। प्रदर्शनकारियों के सामान अभी वही रखे हैं।

कहा-इस कारण खत्म कर रहे धरना
प्रदर्शन स्थगित करने को लेकर वहां बैठी महिलाओं ने कहा कि अगर हम में से किसी को कोरोना जैसी बीमारी हो जाती, तो हमारा धरना हमेशा के लिए बदनाम हो जाता। हमें हमेशा इस बदनामी के साथ जीना पड़ता। इसलिए हमने देशहित के लिए यह निर्णय लिया है कि जबतक लॉकडाउन है तबतक धरना स्थगित रहेगा, लेकिन समाप्त नहीं। वहीं अपर मुख्य सचिव(गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने इसे लेकर कहा कि घंटाघर का धरना अब खत्म हो चुका है।

केस दर्ज करने की चल रही तैयारी
कोरोना वायरस में भी महिलाओं ने सरकार के बचाव कार्यों पर ध्यान नहीं दिया। पीएम मोदी के जनता कर्फ्यू के अवाहन का भी पालन नहीं किया। पुलिस प्रशासन की ओर से महिलाओं को नोटिस जारी किया जा चुका था। बावजूद इसके महिलाओं ने प्रदशर्न जारी रखा। उधर, निर्देशों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ पुलिस एफआइआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है। 

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