विश्व पर्यटन दिवस स्पेशल: काशी बना सबसे बड़ा पर्यटकों का केंद्र, बीएचयू के प्रोफेसर ने दी बड़ी जानकारी 

वाराणसी में बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद से पर्यटकों के पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है। यहां पर्यटन के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है। कोरोना के बाद से इस क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई भी जारी है। 

अनुज तिवारी
वाराणसी:
पूरे देश में विश्व पर्यटन दिवस आज 27 सितंबर को मनाया जा रहा है इस बार विश्व पर्यटन दिवस 2022 की थीम 'टूरिज्म रीथिंकिंग' यानी पर्यटन पर पुनर्विचार देश में तमाम ऐसे राज्य हैं जो अपने धरोहर और अपने संस्कृति से पर्यटन के क्षेत्र में अलग पहचान बनाए हुए हैं। प्रदेश के कुछ ऐसे भी राज्य हैं जो देश के साथ-साथ विदेशी मेहमानों को भी अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। कोरोना महामारी में पर्यटन से जुड़े लोगों को काफी नुकसान हुआ था, लेकिन पर्यटन कारोबार तेजी से अपने पटरी पर लौट रहा है और यही कारण है कि इस बार 'टूरिज्म रीथिंकिंग' थीम रखा गया है।

विश्वनाथ धाम बनने से काशी में पर्यटकों में हुई वृद्धि
बात करें अगर बनारस की तो बनारस में जब से विश्वनाथ कॉरिडोर धाम बनकर तैयार हुआ है तब से बनारस में पर्यटन कारोबार को काफिला पहुंचा है। पर्यटन के क्षेत्र में काशी ने कितना विकास किया है इसको लेकर हमने बीएचयू के पर्यटन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रवीण राणा से बातचीत की। उन्होंने बताया कि भारत बहुत बड़ा देश है यहां पर सबसे ज्यादा कोरोना महामारी में टूरिज्म को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा लेकिन अब हम कह सकते हैं कि हमारा टूरिज्म रिकवरी फेज में आ रहा है। धीरे-धीरे हर राज में इंटरनेशनल और डोमेस्टिक टूरिज्म बढ़ रहे हैं। इसीलिए इस साल के थीम में रिथिंग किंग टूरिज्म होने के साथ-साथ डॉमेस्टिक टूरिज्म के बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सब लोगों का कहना है कि हमें सिर्फ अंतरराष्ट्रीय पर्यटन पर नहीं डिपेंड होना है। हमें डॉमेस्टिक टूरिज्म के इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट की करनी है।

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प्रदेश का सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र बन चुका है काशी
प्रोफेसर राणा ने बताया कि बनारस टूरिज्म को लेकर एक बहुत बड़ा सेंटर है। उन्होंने कहा कि अगर भारत में दो स्थानों का नाम ले तो आगरा और बनारस जयपुर इस तरह के बड़े केंद्र आते हैं उन्होंने बताया है कि पूरे उत्तर प्रदेश की बात करें तो आगरा के बाद बनारस सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र है। उन्होंने कहा कि बनारस को केंद्र मानकर आसपास के जितने भी जिले हैं इसको लेकर पर्यटन मंत्रालय सहित तमाम संबंधित विभाग एक योजना बना रहे हैं। हॉलिस्टिक रूप से बनारस के आसपास के जितने भी जिले हैं उनका विकास कर सके। 

50 से 60 प्रतिशत टूरिज्म सेक्टर में हो गई है रिकवरी
प्रोफेशन राणा ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद से 50% से ज्यादा रिकवरी हो चुकी है उन्होंने कहा कि टूरिज्म डिपार्टमेंट से जुड़े लोगों से बातचीत के अनुसार जनवरी तक बड़ी संख्या में टूरिस्ट आ सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बनारस में सारे होटल सारे ट्रैवल एजेंसी छात्रों की डिमांड कर रहे हैं। टूरिज्म से जुड़े एजेंसियों को काम करने के लिए छात्रों की आवश्यकता है। अचानक इतना ज्यादा बिजनेस डेवलपमेंट हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 में सारे लोग घरों में कैद थे। लेकिन अब टूरिज्म इंडस्ट्री खुल गई है तो सारे लोग घूमने जाना चाहते हैं। टूरिज्म सेक्टर में 50 से 60 प्रतिशत बढ़ गया है। आने वाले जनवरी-फरवरी में संपूर्ण रूप से विकसित हो जाएगा। उन्होंने बताया कि टूरिज्म सेक्टर में बढ़ती डिमांड को देखते हुए बनारस के विभिन्न विश्वविद्यालयों में छात्रों को ट्रेनिंग दी जा रही है जिससे वह विभिन्न सेक्टरों में काम कर सकें।

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