भव्य दीपोत्सव के बाद राम की नगरी में मंगलवार को यमराज की पूजा की गई। सरयू घाट पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने यमराज का नाम लेकर डूबकी लगाई। यही नहीं, महाराज यमराज की तपोस्थली पर पूजा-अर्चना कर खुद को भयमुक्त करने की कामना की।
अयोध्या (Uttar Pradesh). भव्य दीपोत्सव के बाद राम की नगरी में मंगलवार को यमराज की पूजा की गई। सरयू घाट पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने यमराज का नाम लेकर डूबकी लगाई। यही नहीं, महाराज यमराज की तपोस्थली पर पूजा-अर्चना कर खुद को भयमुक्त करने की कामना की।
लड़कियां व्रत रखकर करती हैं यमराज की पूजा
सरयू तट पर स्थित यमराज की तपोस्थली माने जाने वाले यमथरा घाट पर कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया के अवसर पर यम द्वितीया का मेला लगता है। दीपावली के तीसरे दिन यहां महाराज यमराज की पूजा होती है। श्रद्धालु सरयू में डूबकी लगाकर लंबी उम्र की कामना लेकर यमराज की पूजा अर्चना करते हैं। खासतौर पर इस दिन बहनें व्रत रखकर अपने भाई के कल्याण और लंबी उम्र की कामना करती हैं। वैसे तो यमराज से लोग डरते हैं लेकिन साल में एक बार उनकी पूजा अर्चना कर भय मुक्त होने का आशीर्वाद लेते हैं।
जानें क्या है मान्यता
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, यमराज ने इस तपोस्थली को अयोध्या माता से प्राप्त किया था। यमराज महाराज की पूजा-अर्चना करने वालों को यमराज से भय नहीं लगता और इन्हीं कामनाओ को लेकर यमथरा घाट पर महाराज यमराज की पूजा-अर्चना होती है। दीपावली के तीसरे दिन दूर दूर से लोग यहां आते हैं। बता दें, यमथरा घाट रामनगरी अयोध्या और गुप्तार घाट के बीच में स्थित है, जहां पर श्मशान घाट भी है।