सार
उत्तरप्रदेश | सावधान हो जाइए कहीं ऐसा न हो की अपने घर में आप जो आटा सुद्ध समझ कर खा रहें हैं और अपने बच्चों को खिला रहें हैं वो मिलावटी हो! और आपको लेने के देने पड़ जाए! खाने-पीने के सामान में मिलावट इतनी बढ़ गई है की आए दिन मिलावटखोरी के मामले सामने आ ही जाते हैं। हाल ही में बुलंदशहर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां मिलावट खोरों ने आटा तक नहीं छोड़ा।
जानिए क्या है पूरा मामला?
बुलंदशहर में खाद्य विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मिलावटी आटे के कारोबार का पर्दाफाश किया है। यह मिलावटी आटा दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई हो रहा था और बड़े पैमाने पर इसे तैयार किया जा रहा था। स्याना के बिरौली स्थित इशिया फ्लोर मिल पर हुई छापेमारी में 200 कुंटल मिलावटी आटा और अन्य सामग्रियां बरामद की गई हैं। वहीं, एक अन्य छापेमारी में 44 करोड़ रुपये के बिना लाइसेंस के मिल्क पाउडर का भी भंडाफोड़ हुआ है।
मिलावटी आटे की सप्लाई पर रोक!
खाद्य विभाग ने स्याना के इशिया फ्लोर मिल में छापेमारी कर 90 क्विंटल सेलखड़ी, भूसी, चॉक मिट्टी और 200 कुंटल मिलावटी आटा बरामद किया। जानकारी के अनुसार, आटे में मिलाने के लिए सेलखड़ी और भूसी का इस्तेमाल किया जा रहा था। इस आटे को मेरठ और दिल्ली के आसपास के जनपदों में बेचा जा रहा था। फ्लोर मिल के मालिक ध्रुव शर्मा को मौके से गिरफ्तार किया गया, जबकि उनके बेटे शान्तनु शर्मा पर भी कार्रवाई की जा सकती है।
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बिना लाइसेंस का मिल्क पाउडर भी पकड़ा गया
खाद्य विभाग ने स्याना क्षेत्र के एक गोदाम पर भी छापेमारी की, जहां बिना लाइसेंस के भारी मात्रा में मिल्क पाउडर रखा हुआ था। विभाग ने 45,000 बोरी मिल्क पाउडर बरामद किया, जिसकी अनुमानित कीमत 44 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह मिल्क पाउडर बाजार में अवैध रूप से बेचा जा रहा था और इसके लिए कोई लाइसेंस भी नहीं था।
कड़ी कार्रवाई की जा रही है
फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने इन छापेमारियों के बाद सभी अवैध सामग्रियों को जब्त कर लिया है और जांच जारी है। विभाग ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है, ताकि मिलावटी खाद्य पदार्थों के कारोबार पर रोक लगाई जा सके और उपभोक्ताओं को सुरक्षित आहार मिल सके।
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