योगी सरकार 2.0 का आज यानी 4 जुलाई से 100 दिन का कार्यकाल पूरा हो चुका है। बीजेपी सरकार द्वारा इन दिनों में हर काम को तय सीमा में पूरा करने का प्रयास किया गया है। सीएम योगी ने दोबारा पद संभालते ही 100 दिन के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए विभागानुसार कार्य को विभाजित कर दिया था।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दोबारा मुख्यमंत्री के पद संभाल रहे योगी आदित्यनाथ का आज यानी 4 जुलाई से 100 दिन का कार्यकाल पूरा होता है। सत्ता में दोबारा वापसी के दौरान उन्होंने विभागानुसार कार्य को विभाजित किया था, जिसकी समय सीमा 100 दिन की रखी थी। सीएम द्वारा नगर विकास को दिए गए 100 दिन के लक्ष्य के अधिकतक काम तय सीमा से पहले की पूरे हो चुके हैं। विभाग को दिए गए 24 काम में से 22 काम पूरे हो चुके हैं जबकि 14 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या दोगुना करने और सिटी बस सेवा के लिए मोबाइल एप तैयार करने का काम अधूरा रह गया है। लेकिन विभाग का कहना है कि बचे दो कार्यों का भी 70 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका हैं।
100 दिन के कार्यकाल में दो काम अधूरा तो बाकी हुए पूरे
बीजेपी ने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन के लक्ष्य में ये प्रमुख कार्यों को पूर्ण किया है। स्मार्ट सिटी वाले शहरों में 50 परियोजनाओं का काम प्रारंभ, स्मार्ट सिटी में निर्माणाधीन 75 परियोजनाओं का काम पूर्ण, सभी 12022 वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने का काम शुरू, प्रदेश स्तरीय स्मार्ट सिटी सेंट्रल डिजिटल मॉनिटरिंग सेंटर की स्थापना, निकायों को गोद लेने का काम, पीएम स्वनिधि योजना में 84148 स्ट्रीट वेंडरों को ऋण वितरण, अमृत योजना के तहत पेयजल की 19 परियोजनाएं, नगर निकायों में 280 पिंक टायलेट का निर्माण, केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा चयनित 17 स्मार्ट सिटी वाले 102 जिलों। तो वहीं दूसरी ओर योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ये काम अधूरे रह गए है। 14 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या दोगुना करना, सिटी बस सेवा के लिए एप विकसित करने का काम अभी अधूरा रहा गया है।
डिजिटल शिक्षा को लेकर काम हुआ पूरा, भर्ती प्रक्रिया तेज
योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 100 दिन के लक्ष्य में डिजिटल शिक्षा की दिशा में लगभग सभी काम पूरा हो चुका है। माध्यमिक विद्यालयों में सभी विद्यार्थियों की वेबसाइट, ई-मेल आईडी बनाए जाने व राजकीय विद्यालयों में बायोमीट्रिक हाजिरी शुरू करने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। ई-मेल आईडी व वेबसाइट भी लगभग तैयार हैं। इन सभी की क्रियाशीलता परखी जा रही है। 41 हाईस्कूल, 18 इंटर कॉलेज के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। तो वहीं दूसरी ओर भर्ती प्रक्रिया को तेज किया गया, नए महाविद्यालय बने है। यानी कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में रिक्त पदों पर भर्ती, पदोन्नति की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। नए महाविद्यालय भी तैयार हो रहे है। ऑनलाइन पोर्टल शुरू किए जाने, निजी विद्यालयों से जुड़े कार्य अभी चल रहे हैं। साथ ही ई-लर्निंग पार्क व इनक्यूबेटर्स की शुरुआत के लिए भी प्रक्रिया चल रही है।
नीट द्वारा नर्सिंग में होगा प्रवेश, अस्पतालों में सस्ती दर पर बढ़ीं सुविधाएं
स्वास्थ्य विभाग में सरकारा अस्पतालों के मोर्चे पर विभाग काफी हद तक कामयाब भी रहा है लेकिन दवाओं और डॉक्टरों की कमी बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए छह माह में डॉक्टरों के खाली पद भरने का लक्ष्य रखा गया है और डॉक्टरों को जेनेरिक दवाएं लिखने का निर्देश दिए गए हैं लेकिन जन औषधि केंद्रों पर सभी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। इतना ही नहीं नीट के जरिए नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 600 सीटें बढ़ाई गई हैं। पीपीपी मॉडल पर चलने वाले 16 मेडिकल कॉलेजों में दो तय कर लिए गए हैं। पीजी की 725, नर्सिंग की 2400 और पैरामेडिकल की 600 सीट बढ़ाई गई है। 14 मेडिकल कॉलेजों का निर्माण अंतिम दौर में है।