मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित विभाग को 5 एजुकेशन टाउनशिप स्थापित करने का एक व्यापक वर्क प्लान प्लान बनाने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। एक ही जगह पर स्टूडेंट्स को सभी तरह की एजुकेशन और विभिन्न तरह के स्किल की ट्रेनिंग मिलेगी।
लखनऊ. योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश में हाई ग्रेड एजुकेशन को लेकर बड़ी पहल करने जा रही है। यूपी में अमेरिका जैसी डेवलप कंट्रीज की तर्ज पर भारत की पहली एजुकेशन टाउनशिप विकसित करने की प्लानिंग शुरू हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5 एजुकेशन टाउनशिप स्थापित करने का एक व्यापक वर्क प्लान प्लान बनाने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस एजुकेशन टाउनशिप 'सिंगल एंट्री' और 'मल्टीपल एग्जिट' के आइडियाज पर डेपलप होगी। यानी एक ही जगह पर स्टूडेंट्स को सभी तरह की एजुकेशन और विभिन्न तरह के स्किल की ट्रेनिंग मिलेगी। इस दिशा में योगी के निर्देश पर चीफ सेक्रेट्री के सामने एक प्रेजेंटेशन दिया गया था। इसे मंजूरी मिल गई है।
दुनियाभर में मिसाल पेश करेगी यह एजुकेशन टाउनशिप
सीएम योगी ने हाल ही में प्रदेश की इकोनॉमी को वन ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए कंसल्टिंग फर्म डेलाइट इंडिया(Deloitte India) के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की थी। इसमें प्रदेश में पांच एजुकेशन टाउनशिप स्थापित करने को लेकर विस्तृत कार्य योजना(comprehensive action plan) बनाने के निर्देश दिए थे। इससे एक ही जगह पर स्टूडेंट्स को सभी प्रकार की एजुकेशन मिलेगी। साथ ही उन्हें विभिन्न तरह के स्किल की ट्रेनिंग भी मिल सकेगी। ‘सिंगल एंट्री, मल्टीपल एग्जिट’ यानी 'कोरे कागज की तरह आइए और अपने अंदर कई तरह के हुनर लेकर जाइए' के आइडियाज पर बनने वाली इस टाउनशिप का फोकस हाईग्रेड एजुकेशन पर रहेगा। यह भारत ही नहीं, बल्कि अफ्रीकी, लैटिन अमेरिकी और मध्य एशियाई देशों के छात्रों को भी आकर्षित करेगी।
देश-दुनिया की नामी-गिरामी सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज कैम्पस खोलेंगी
इस एजुकेशन टाउनशिप में प्राइवेट सेक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इसमें देश और दुनिया के प्रतिष्ठित(Prestigious) सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज अपना कैम्पस खोल सकेंगी। साथ ही एक ही जगह पर अटल आवासीय विद्यालय जैसे प्राइमरी और सेकंडरी स्कूल भी ओपन होंगे। वहीं,अंडर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई के लिए यूनिवर्सिटीज और कॉलेज की स्थापना की जाएगी। इसमें मैनेजमेंट, टेक्नोलॉजी, लॉ और मेडिकल से जुड़े पाठ्यक्रमों की पढ़ाई और रिसर्च आदि होंगे।
स्किल डेवलपमेंट के लिए खुलेंगी स्किल यूनिवर्सिटीज
देश और प्रदेश में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे-नीट,आईआईटी, यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन(UPSC) आदि में ज्यादा से ज्यादा छात्र सफल हो सकें, इसके लिए इन एजुकेशन टाउनशिप में अभ्युदय जैसे कई अन्य कोचिंग इंस्टीट्यूट भी शुरू किए जाएंगे। साथ ही इस टाउनशिप में छात्रों और टीचर्स के लिए आवास( Accommodations ) की भी व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए स्किल यूनिवर्सिटीज भी खोली जाएंगी, जहां युवाओं को विभिन्न प्रकार की स्किल की ट्रेनिंग दी जाएगी।
अभी अमेरिका जैसी डेवलप कंट्रीज में है यह सिस्टम
अमेरिका के पीट्सबर्ग शहर में ऐसी व्यवस्था है। वहीं संयुक्त अरब अमीरात के शहर दुबई में नॉलेज सिटी और शारजहा के नॉलेज विलेज में ऐसी सुविधाएं हैं, जहां दुनिया के कई देशों के प्रतिष्ठित विश्विद्यालयों के कैम्पस हैं। प्रदेश में ‘सिंगल एंट्री, मल्टीपल एग्जिट’ व्यवस्था शुरू होने से यहां छात्रों को सस्ती और अच्छी शिक्षा मिलेगी, जिससे युवाओं को पढ़ाई के बाद नौकरी या स्वरोजगार शुरू करने में काफी आसानी होगी। इससे दुनिया भर के छात्र यहां आने के लिए आकर्षित भी होंगे।
एजुकेशन एक्सपर्ट ने स्वागत किया
योगी सरकार के एजुकेशन टाउनशिप का आइडिया को देश के कई शिक्षाविदों(Educationists ) ने स्वागत किया है। राष्ट्रीय शिक्षण मंडल(National Board of Education) के वाइस चेयरमैन और राम मनोहर लोहिया यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित का कहना है कि एजुकेशनल टाउनशिप का कंसेप्ट भारत की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की बुनियाद को और मजबूत करेगी। भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सभी विकासशील और अविकसित देश इस समय हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं। दरअसल, ये सस्ती शिक्षा, अच्छी शिक्षा के कॉन्सेप्ट को पूरा करेगा।
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) स्थित भारत अध्ययन केंद्र के फाउंडर चेयर प्रोफेसर डॉ. राकेश उपाध्याय के अनुसार एजुकेशनल टाउनशिप में नर्सरी से लेकर अलग-अलग विषयों में हायर एजुकेशन से लेकर रिसर्च तक की सुविधा एक ही स्थान पर मिलेगी। ऐसी व्यवस्था कुछ विकसित देशों में पहले से है। भारत में इस वक्त तेजी से विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ रही है। यूपी का ग्रेटर नोएडा इसका बड़ा सेंटर बनकर उभर रहा है। यूपी में एजुकेशनल टाउनशिप का कंसेप्ट भारत के लिये काफी यूनिक है।
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