सार
देश की विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए पहली बार बार कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन हो रहा है। यह देश की दूसरी सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा है। इस बार 6 चरणों में परीक्षा आयोजित की गई है। सितंबर में रिजल्ट जारी किया जाएगा।
करियर डेस्क : देश की सेंट्रल, स्टेट और डीम्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए पहली बार कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET 2022) हो रहा है। इस परीक्षा में पास होने वाले छात्रों को ही विश्वविद्यालयों में पढ़ने का मौका मिलेगा। लेकिन कुछ छात्र ऐसे भी हैं जिन्हें बिना सीयूईटी की परीक्षा के ही इन विश्वविद्यालयों में एडमिशन दिया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए यूजीसी (UGC) ने बताया कि देश की विश्वविद्यालयों और उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों के ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज में विदेशी छात्रों को बिना सीयूईटी एग्जाम के ही एडमिशन दिया जाएगा। इसके लिए 25 प्रतिशत एक्ट्रा सीटें निर्धारित करने की अनुमति दी जाएगी। बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 'भारत में स्नातक एवं स्नातकोत्तर कार्यक्रमों का अंतरराष्ट्रीयकरण' विषय पर पिछले हफ्ते हुई बैठक में इसका फैसला लिया गया।
यूजीसी ने क्या कहा
यूजीसी के चैयरमैन एम जगदीश कुमार ने एक न्यूज एजेंसी को जानकारी देते हुए बताया कि देश की यूनिवर्सिटीज में विदेशी छात्रों की योग्यता यहां के कोर्सेस के समकक्ष होनी चाहिए। यूजीसी की रेगुलेट्री बॉडी इसका निर्धारण करेगी। उन्होंने बताया कि उच्चतर शिक्षा संस्थान अंतरराष्ट्रीय छात्रों के दाखिले के लिए पारदर्शी एडमिशन प्रक्रिया अपना सकते हैं। ऐसे संस्थानों में विदेशी छात्रों के लिए कुल सीट क्षमता के 25 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें तय की जाएगी। अतिरिक्ट सीट का फैसला उच्चतर शिक्षा संस्थानों की आधारभूत ढांचा, शिक्षकों की संख्या और अन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।
जिनके पास पासपोर्ट उन्हें ही मिलेगा फायदा
यूजीसी की तरफ से बताया गया है कि एक्ट्रा सीटें सिर्फ और सिर्फ उन्हीं विदेशी छात्रों के लिए होंगी जो एडमिशन के इच्छुक हैं। अगर किसी स्थिति में ये सीट खाली रह जाती हैं तो यह किसी दूसरे अंतरर्राष्ट्रीय छात्र को आवंटित नहीं की जाएंगी। अंतरराष्ट्रीय छात्र का मतलब वे छात्र जिनके पास विदेशी पासपोर्ट होगा। हर कोर्स में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए कितनी सीट है, रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस, योग्यता कॉलेज-यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। बता दें कि विदेश मंत्रालय की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले साल 2021 में कुल 23,439 विदेशी छात्र भारत आए। हालांकि, कोरोना महामारी से पहले यह संख्या काफी ज्यादा थी। साल 2019 में भारत में हायर स्टडीज के लिए 75,000 विदेशी छात्र आए थे।
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