युवाओं का कर रहा था ब्रेनवॉश, जानें क्या था ISIS आतंकी सबाउद्दीन का तिरंगा यात्रा पर हमले का प्लान

UP ATS की गिरफ्त में ISIS आतंकी सबाउद्दीन ने कई बड़े आतंकियों के संपर्क में होने की बात कुबूली है। उसके साथ स्लीपर सेल में और भी युवा शामिल हैं जो तिरंगा यात्रा और यूपी के कई धार्मिक स्थलों पर हमले का प्लान तैयार कर रहे थे।

Asianet News Hindi | Published : Aug 11, 2022 6:20 AM IST / Updated: Aug 11 2022, 12:05 PM IST

आजमगढ़: UP ATS ने स्वतंत्रता दिवस से कुछ दिन पहले ISIS आतंकी सबाउद्दीन आजमी को आजमगढ़ से गिरफ्तार किया था। यूपी ATS को सहयोगी ऐजेंसी से सबाउद्दीन आजमी के ISIS से संपर्क में होने की सूचना मिली थी। हांलाकि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। अब जांच में सामने आया है कि सबाउद्दीन तिरंगा यात्रा पर हमले की साजिश रच रहा था। पूछताछ में ISIS आतंकी सबाउद्दीन ने कई राज से पर्दा उठाया है। यूपी एटीएस को आशंका हैं कि भले ही सबाउद्दीन उनकी गिरफ्त में हो, लेकिन उसकी विचारधारा से प्रभावित लोग अभी भी बाहर हैं। इसलिए यूपी एटीएस सतर्कता बरत रही है।

कई जगहों पर बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था
यूपी एटीएस को शक है कि इन सब में सबाउद्दीन अकेला नहीं है। उसके साथ इस साजिश में कई और लड़के भी होंगे। इसलिए पुलिस मुख्यालय ने तिरंगा यात्रा के साथ ही लखनऊ, आगरा, वाराणसी और मथुरा के धार्मिक स्थलों की भी सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दिए हैं। वहीं यूपी एटीएस सबाउद्दीन के साथ आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए आजमगढ़ से कश्मीर तक सर्च ऑपरेशन चला रही है। सबाउद्दीन के मोबाइल फोन से कई राज सामने आए हैं। सबाउद्दीन ने अपने साथ कई लड़कों को आतंकी गतिविधी में शामिल किया था और युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहा था। 

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RSS के नाम से बनाई थी फेक आईडी
सबाउद्दीन आजमगढ़ स्थित मुबारकपुर के अमिलो गांव का रहने वाला है। वह ISIS के आतंकियों के साथ सीधे संपर्क में था। साथ ही वह टेलीग्राम और सोशल मीडिया ऐप के जरिए आतंकवादी विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर रहा था। ATS की टीम को उसके पास से बम बनाने के उपकरण, तमंचा, चाइनीज कील आदि भी बरामद हुए हैं। सोशल मीडिया पर उसने फेक नाम से अपनी कई प्रोफाइल भी बना रखी थी। RSS के नाम से जाली मेल आईडी कर वह RSS के कई नेताओं से संपर्क करने का भी प्रयास कर रहा था। सबाउद्दीन का RSS से जुड़ने के पीछे का इरादा अभी तक सामने नहीं आया है। 

स्लीपर सेल का नेटवर्क तलाश रही यूपी एटीएस
सबाउद्दीन ऑल इंडिया मजलसि-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन यानी AIMIM से भी जुड़ा हुआ था। पार्टी के नाम पर वह युवाओं को अपने साथ शामिल कर रहा था। 25 से ज्यादा लड़कों के मोबाइल नंबर उसके मोबाइल से मिले हैं। उसने दिलावर खान, बैरम खान, आजर व सबाहु के नाम से सोशल मीडिया पर अपने फेक अकाउंट बना रखे थे। पूछताछ में सामने आया है कि वह कश्मीर में मुजाहिदों पर हो रहे जुल्म का बदला लेने की योजना बना रहा था। ATS और सुरक्षा एजेंसी स्लीपर सेल के नेटवर्क को तलाश रही है। कई शहरों के धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी गई हैं।

15 अगस्त के बाद नए सिरे से होगी पूछताछ
सबाउद्दीन सीरिया के आतंकी अबू बकर के भी संपर्क में था। फिलहाल यूपी एटीएस 15 अगस्त के बाद रिमांड पर लेकर उससे नए सिरे से पूछताछ शुरू करेगी। पूछताछ के दौरान सबाउद्दीन ने बताया कि ये लोग लड़कों को वीडियो भेजकर उन्हें कट्टर बना रहे हैं। इसके बाद किसी बड़े आतंकी से बात कराकर इन्हें अपने साथ शामिल कर लेते हैं। साथ ही आतंकी गतिविधियों को पूरा करने के लिए इन्हें अपनी जान देने की भी कसमें दी जाती हैं। ऑनलाइन ट्रेनिंग के दौरान युवाओं को बम बनाने, अपनी पहचान छुपाने और किस तरह से हमला किया जाना है यह सब सिखाया जाता है। पहले कुछ सालों तक इन से स्लीपर सेल का काम लिया जाता है। इसके बाद फिर आतंकी गतिविधियों में शामिल किया जाता है।

AIMIM सदस्य सबाउद्दीन का ISIS कनेक्शन, जानें कैसे RSS के लोगों को कर रहा था टारगेट

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