गंजे पुरुषों में कोरोनावायरस के गंभीर संक्रमण का खतरा ज्यादा है। यह दावा अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ने किया है। शोधकर्ता कार्लोस वैम्बियर का कहना है कि गंजे पुरुषों में कोरोना का गंभीर संक्रमण हो सकता है।गंजापन और कोरोना मरीजों के बीच कनेक्शन समझने के लिए दो स्टडी की गईं। दोनों में ही नतीजे एक जैसे निकले। इससे पहले सामने आईं रिसर्च रिपोर्ट्स में यह बताया गया था कि पुरुषों को कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है।शोधकर्ता के मुताबिक, 41 कोरोना के मरीजों पर हुई पहली रिसर्च में सामने आया कि इनमें 71 फीसदी मरीज गंजे थे।
वीडियो डेस्क। गंजे पुरुषों में कोरोनावायरस के गंभीर संक्रमण का खतरा ज्यादा है। यह दावा अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ने किया है। शोधकर्ता कार्लोस वैम्बियर का कहना है कि गंजे पुरुषों में कोरोना का गंभीर संक्रमण हो सकता है।गंजापन और कोरोना मरीजों के बीच कनेक्शन समझने के लिए दो स्टडी की गईं। दोनों में ही नतीजे एक जैसे निकले। इससे पहले सामने आईं रिसर्च रिपोर्ट्स में यह बताया गया था कि पुरुषों को कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है।शोधकर्ता के मुताबिक, 41 कोरोना के मरीजों पर हुई पहली रिसर्च में सामने आया कि इनमें 71 फीसदी मरीज गंजे थे। यह शोध स्पेन के हॉस्पिटल में किया गया था। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, 122 पुरुषों पर हुए दूसरे शोध में 79 फीसदी कोरोना मरीज गंजे पाए गए।शोधकर्ताओं का कहना है कि मेल सेक्स हार्मोन एंड्रोजन गंजेपन की वजह बनने के साथ वायरस के संक्रमण फैलाने की क्षमता को बढ़ा सकता है। इसका मतलब है कि यह हार्मोन दवा के असर को दबाता है या कम करता है। इसलिए कोरोना के मरीजों की ठीक होने की दर धीमी हो जाती है। उन्हें रिकवर होने में समय लगता है।