भोपाल की सिटी हॉस्पिटल कि डॉक्टर अंजू गुप्ता का कहना है कि यूं तो चिकुनगुनिया बारिश के मौसम में पाई जाने वाली बीमारी मानी जाती है पर भारत में जुलाई 2016 से जनवरी 2018तक किये वाईरोलाजी लेवल के आधिकारिक सर्वे में मिली जानकारी के अनुसार यह साल भर हो सकता है पर सितम्बर से दिसंबर तक यह सबसे अधिक होता है ।
वीडियो डेस्क। भोपाल की सिटी हॉस्पिटल कि डॉक्टर अंजू गुप्ता का कहना है कि यूं तो चिकुनगुनिया बारिश के मौसम में पाई जाने वाली बीमारी मानी जाती है पर भारत में जुलाई 2016 से जनवरी 2018तक किये वाईरोलाजी लेवल के आधिकारिक सर्वे में मिली जानकारी के अनुसार यह साल भर हो सकता है पर सितम्बर से दिसंबर तक यह सबसे अधिक होता है । सर्वे में करीब 49250 मरीजों की जाँच की गई जिनमें 20.9%की रिपोर्ट पाजिटिव आई। इस जाँच में IgM का लेवल देखा गया था । अंत में हम कह सकते हैं कि अभी तक मिले आकड़ों के अनुसार हमें साल भर सावधानी बरतनी चाहिए और घर के आसपास पानी इक्कठा नहीं होने देना चाहिए और मच्छरों से अपनेआप को बचाना चाहिए ।
चिकनगुनिया के लक्षण
तेज बुखार (104 डिग्री तक), कुछ मामलों में 3-4 दिन बार दोबारा चढ़ता है।
जोड़ों में बहुत तेज दर्द होता है और यह महीनों तक रह सकता है।
इस दौरान 3-4 दिन में शरीर पर लाल चकत्ते हो जाते हैं।
मच्छर को पैदा होने से ऐसे रोकें
कहीं भी खुले में पानी रुकने या जमा न होने दें। पानी को पूरी तरह ढककर रखें।
कूलर का इस्तेमाल बारिश के दिनों में बंद कर दें।
छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें या उलटा करके रखें।
पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें।
किचन और बाथरूम के सिंक/वॉशबेसिन में भी पानी जमा न होने दें।