हर साल बारिश के मौसम में चिकनगुनिया का आतंक बढ़ जाता है। चिकनगुनिया वायरस मच्छरों के कारण फैलता है। एक बार इसकी चपेट में आने पर व्यक्ति की हालत खराब हो जाती है। यह वायरस सबसे ज्यादा असर हड्डियों पर डालता है, जिसके कारण व्यक्ति चलने-फिरने या हाथों से किए जाने वाले साधारण काम को करने में काफी परेशानी होती है। ठीक हो जाने के बाद भी मरीज हड्डियों के दर्द से परेशान रहता है और दर्द जाने में महीनों का वक्त लग जाता है।चिकनगुनिया मादा एडिस इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर साफ पानी में पैदा होते हैं। इन मच्छरों के ऊपर धारियां होती हैं। ये तड़के और शाम के वक्त (दिन निकलने से पहले और दिन छुपने से पहले) ज्यादा काटते हैं। ऐसे में डॉक्टर ने बताए इसके बचाव के तरीके।
वीडियो डेस्क। हर साल बारिश के मौसम में चिकनगुनिया का आतंक बढ़ जाता है। चिकनगुनिया वायरस मच्छरों के कारण फैलता है। एक बार इसकी चपेट में आने पर व्यक्ति की हालत खराब हो जाती है। यह वायरस सबसे ज्यादा असर हड्डियों पर डालता है, जिसके कारण व्यक्ति चलने-फिरने या हाथों से किए जाने वाले साधारण काम को करने में काफी परेशानी होती है। ठीक हो जाने के बाद भी मरीज हड्डियों के दर्द से परेशान रहता है और दर्द जाने में महीनों का वक्त लग जाता है।चिकनगुनिया मादा एडिस इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर साफ पानी में पैदा होते हैं। इन मच्छरों के ऊपर धारियां होती हैं। ये तड़के और शाम के वक्त (दिन निकलने से पहले और दिन छुपने से पहले) ज्यादा काटते हैं। ऐसे में डॉक्टर ने बताए इसके बचाव के तरीके।
लक्षण
तेज बुखार (104 डिग्री तक), कुछ मामलों में 3-4 दिन बार दोबारा चढ़ता है।
जोड़ों में बहुत तेज दर्द होता है और यह महीनों तक रह सकता है।
इस दौरान 3-4 दिन में शरीर पर लाल चकत्ते हो जाते हैं।
मच्छर को पैदा होने से ऐसे रोकें
कहीं भी खुले में पानी रुकने या जमा न होने दें। पानी को पूरी तरह ढककर रखें।
कूलर का इस्तेमाल बारिश के दिनों में बंद कर दें।
छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें या उलटा करके रखें।
पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें।
किचन और बाथरूम के सिंक/वॉशबेसिन में भी पानी जमा न होने दें।