वीडियो डेस्क। भारत में कोरोनो वायरस की दूसरी लहर के डरावने अनुभवों के हम देख चुके हैं, दूसरी लहर में भारत में प्रतिदिन 4 लाख मामले सामने आए और रिकॉर्ड-तोड़ मौतें हुई हैं। देश में अगस्त महीने के मध्य तक कुछ राहत मिली, क्योंकि मामलों की संख्या में कमी देखी गई थी। इस बीच राज्यों ने कोविड -19 लॉकडाउन प्रतिबंधों को सस्पेंड करना भी शुरु किया।
वीडियो डेस्क। भारत में कोरोनो वायरस की दूसरी लहर के डरावने अनुभवों के हम देख चुके हैं, दूसरी लहर में भारत में प्रतिदिन 4 लाख मामले सामने आए और रिकॉर्ड-तोड़ मौतें हुई हैं। देश में अगस्त महीने के मध्य तक कुछ राहत मिली, क्योंकि मामलों की संख्या में कमी देखी गई थी। इस बीच राज्यों ने कोविड -19 लॉकडाउन प्रतिबंधों को सस्पेंड करना भी शुरु किया। इससे स्थितियां जल्द सामान्य होने की उम्मीद भी नजर आई। लेकिन रुकिए, अगर आपको लगता है कि ये महामारी खत्म हो गई है... तो एक फिर से विचार करें। नए संक्रमण एक बार फिर से बढ़ रहे हैं, ऐसे में विशेषज्ञ अब सुझाव दे रहे हैं कि भारत संभावित तीसरी लहर की तरफ बढ़ रहा है। हालांकि ये किस समय बढ़ेगी और किस पैमाने पर बढ़ेगी, इसका अनुमान लगाना निश्चित नहीं है। इसके बावजूद, हमें तैयार रहना होगा, आने वाले संभावित खतरे से निपटने के लिए अब हमारे पास एक शक्तिशाली उपकरण है ये है सेल्फ टेस्ट किट।
एशियानेट न्यूज ने डॉ सत्यनारायण मैसूर से बात की जो कि मणिपाल अस्पताल के हेड ऑफ डिपार्टमेंट और कंसलटेंट है, आप बेंगलुरु में पल्मोनोलॉजी और लंग ट्रांसप्लांट के एक्सपर्ट के तौर पर कार्य कर हैं। हमने मौजूदा हालातों को समझने की कोशिश की, कैसे कोरोना की तीसरी लहर के खतरे से निपटने के लिए सेल्फ टेस्ट किट जैसा उपकरण कितनी उपयोगी और कारगर हो सकता है।
प्रश्न-1 अगस्त में धीमी पड़ने के बाद कोविड -19 मामलों की संख्या धीरे-धीरे फिर से बढ़ रही है। क्या भारत में कोरोना तीसरी लहर आने वाली है।
सवाल ये है कि 2019 के मई- जून के बाद से “हमने क्या समझा है? "हम समझ गए हैं कि एक लहर के बाद दूसरी लहर एक घटना लगती है। जहां कोरोना की लहर आने के बाद उसे चरम पर पहुंचने में 3 महीने लगते हैं। सभी गणनाओं के अनुसार, तीसरी लहर के आने के संकेत दिए गए थे। चिकित्साकर्मी सहित अन्य सभी लोग नहीं चाहते कि अब कोरोना की कोई भी लहर आए। हालांकि मुद्दा यह है कि जो लहर अगस्त में होने वाली थी क्या वह सितंबर में आ सकती है। ऐसा न हो तो बहुत अच्छा है।कोरोना की तीसरी लहर भले ही ना आई हो लेकिन निश्चित रूप से, बीमारी अभी यहाँ रहने वाली है। इसके अलावा, हमें जो महसूस करने की आवश्यकता है, वह यह है कि वैक्सीनेशन की वजह से कोरोना की लहर अभी नहीं आई है। जैसे-जैसे अधिक लोग टीकाकरण कर रहे हैं, ये लहर आगे टल सकती हैं। इसलिए सभी से अपील है कि वे कोरोना के खिलाफ सभी संभावित उपाय करें। ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि हम संभावित तीसरी लहर को रोक सकें।
प्रश्न-2 अधिकांश राज्यों में लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दी गई है, एहतियात बरतने के लिए किसी को क्या करना चाहिए ?
लॉकडाउन में ढील के साथ, मुझे लगता है कि लोगों की जिम्मेदारी सरकार या प्रशासन की जिम्मेदारी से कहीं अधिक बढ़ जाती है।
भारत के जिम्मेदार नागरिक के रूप में, हम में से प्रत्येक निगरानी में योगदान दे सकता है। कोरोना लक्षणों को इग्नोर न करें। सेल्फ टेस्टिंग का ऑप्शन है, जिसे आप प्रोत्साहित और उपयोग कर सकते हैं। क्योंकि टेस्ट, ट्रेस, ट्रीट ही मंत्र है और यह निश्चित रूप से आने वाली तीसरी लहर को कम करने में बहुत फायदेमंद कोशिश होगी।
प्रश्न 3 - क्या कोविड -19 सेल्फ टेस्ट किट गेम चेंजर हैं, जिसकी हमें आवश्यकता है?
सेल्फ टेस्ट किट का अपना महत्व है, लेकिन उसे गेम चेंजर कहना जल्दबाजी होगी। आज हम क्या देख रहे हैं? हम ऐसे बहुत से रोगियों को देख रहे हैं जो रोजगार, विश्वविद्यालयों, विदेशी विश्वविद्यालयों में कार्यरत हैं । ये लोग सिफारिशों के आधार पर 4 सप्ताह या 2 सप्ताह में एक बार सेल्फ टेस्ट कर रहे हैं। मुझे लगता है कि आईटी, बीटी इंडस्ट्री के ओनर अपने एम्प्लाई को इस सेल्फ टेस्ट किट के लिेए फंडिग करें। यह महत्वपू्र्ण है कि इन किटों का उपयोग समय-समय पर स्वयं उपयोग करें। इससे अस्पतालों और प्रयोगशालाओं में परीक्षणों की डिमांड में कमी आएगी। इस तरह उन रोगियों की मांग को पूरा कर पाएंगे हैं जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है। वहीं सेल्फ टेस्ट किट निगरानी कार्यक्रमों के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगी। सेल्फ किट के जरिए कोरोना वायरस की उपस्थिति का पता लगाया जाता है। इससे आप एक स्वैब प्राप्त करते हैं और उस स्वैब को सेल्फ टेस्ट किट में डाला जाता है। और मिनटों के भीतर, यह हमें रिजल्ट दे देता है।
प्रश्न 4 - मैं इसका टेस्ट खुद कैसे कर सकता हूं ?
सेल्फ टेस्ट किट का उपयोग करना बहुत आसान है। आपके पास पहले से भरा हुआ बफर सॉल्यूशन है । आपके पास स्वैब हैं जो किट के भीतर मौजूद हैं। और आपके पास टेस्टिंग उपकरण है और एक क्यूआर कोड है और आप परीक्षण को रजिस्टर करने के लिए आईसीएमआर साइट से जुड़ सकते हैं। और यह सब कुछ ही मिनटों में किया जा सकता है।
एक बार जब आप अपने हाथों को साफ कर लेते हैं और एक अच्छा नेजल सेल्फ स्वैब ले लेते हैं, तो स्वैब को धीरे से डालने की जरूरत होती है, इसे नाक के अंदर ले जाकर घुमाते हैं ताकि यहां से टेस्टिंग मटेरियल को कलेक्ट किया जा सके। इसे निकाल कर बफर में डाल दें। इस नमूने से कुछ बूंदों को टेस्टिंग प्लेट में डाला जाता है और इसमें में आने वाला कलर को देखें, ये आपको बता देगा आपका टेस्ट पॉजिटिव है या निगेटिव। इसके बाद ये रिजल्ट ICMR प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाता है।
प्रश्न 5 – क्या यह किफायती है?
सेल्फ टेस्ट किट के खर्च को लेकर चिंता हो सकती है। क्या यह काफी महंगा होगा? एक सेल्फ टेस्ट किट, स्वैब और बफर्स के बंडल, क्यूआर कोड, सब कुछ शामिल करने की लागत के लिए, आप एक लैब या अस्पताल सेटअप में एक बार के परीक्षण के लिए दोगुनी राशि खर्च करेंगे तो, सेल्फ टेस्ट किट बहुत सस्ती है। लेकिन इसके यूजर्स को सही ढंग से बताया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि मैं एक छात्र हूं और हर 3 सप्ताह में परीक्षण किया जाना है, तो मेरे लिए एक सेल्फ टेस्ट किट किसी भी लैब के मुकाबले बेहद किफायती है। यह टेस्ट किट उन लोगों को सस्ती पड़ती है, जिन्हें अक्सर टेस्ट कराने की जरूरत होती है। यह टेस्ट किट निश्चित तौर पर पैसे बचाएगी।
प्रश्न 6 - स्व-परीक्षण किटों की प्रतिक्रिया क्या रही है?
सेल्फ टेस्टिंग किट हाल ही में पेश की गई हैं और इसके संबंध में मैंने कुछ लोगों को दोबारा टेस्ट करने के लिए आते देखा है। कुल मिलाकर, मुझे लगता है कि यह उपयोग में आसानी है। पूरा परिवार इसके जरिए खुद की टेस्टिंग कर सकता है। यहां तक कि बेंगलुरु ग्रामीण के लोगों ने भी टेस्ट किया है। यह एक बहुत ही विश्वसनीय तकनीक है और इसके परिणाम भी रोगियों के लक्षणों के अनुरूप होते हैं। इसलिए यह यूजर फ्रेंडली है। इसमें कोई शहरी-ग्रामीण का अंतर नहीं है। कोई भी इसका उपयोग कर सकता है और जिन रोगियों को मैंने देखा है उनमें सकारात्मक लक्षण थे यदि परीक्षण सकारात्मक था और नकारात्मक परीक्षण करने वाले लोगों के कोई लक्षण नहीं थे। SARS Cov 2 परीक्षण की नकारात्मक स्थिति से कोई भी खुश होने वाला है।
सेल्फ किट के जरिए कोरोना वायरय की उपस्थिति का पता लगाया जाता है। इससे आप एक स्वैब प्राप्त करते हैं और उस स्वैब को सेल्फ टेस्ट किट में डाला जाता है। और मिनटों के भीतर, यह हमें रिजल्ट दे देता है।