कोरोना वायरस का प्रकोप हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। भारत में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1 लाख 38 हजार के करीब पहुंच चुकी है, जबकि मरने वालों का आंकड़ा 2 हजार से अधिक हो गया है। अमेरिका, इंग्लैंड, इटली समेत दुनिया के तमाम देश इस बीमारी का इलाज ढूंढ़ रहे हैं, लेकिन अब तक कोई भी पुख्ता इलाज सामने नहीं आ पाया है। इस बीच एक अध्ययन में ये बात सामने आई है कि जिन देशों में विटामिन डी की कमी थी, वहां कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की संख्या अधिक थी। ऐसे हमारे एक्सपर्ट डॉक्टर सुभाष सी पांडे ने बताया कि कितना जरूरी है हमारे लिए विटामिन डी। इस वीडियो को Subhash Pandey जी के यूट्यूब चैनल से लिया गया है।
वीडियो डेस्क। कोरोना वायरस का प्रकोप हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। भारत में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1 लाख 38 हजार के करीब पहुंच चुकी है, जबकि मरने वालों का आंकड़ा 2 हजार से अधिक हो गया है। अमेरिका, इंग्लैंड, इटली समेत दुनिया के तमाम देश इस बीमारी का इलाज ढूंढ़ रहे हैं, लेकिन अब तक कोई भी पुख्ता इलाज सामने नहीं आ पाया है। इस बीच एक अध्ययन में ये बात सामने आई है कि जिन देशों में विटामिन डी की कमी थी, वहां कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की संख्या अधिक थी। ऐसे हमारे एक्सपर्ट डॉक्टर सुभाष सी पांडे ने बताया कि कितना जरूरी है हमारे लिए विटामिन डी। इस वीडियो को Subhash Pandey जी के यूट्यूब चैनल से लिया गया है।
शोध में ये बात आई सामने
इस शोध के अनुसार इटली और स्पेन जैसे देशों में विटामिन डी का औसत स्तर यूरोप के अन्य उत्तरी देशों की तुलना में बहुत कम था। इन दोनों ही देशों में कोविड-19 से हुई मौतों का आंकड़ा काफी अधिक था। शोधकर्ताओं के अनुसार इन देशों में मृत्यु दर इतना अधिक इसलिए था क्योंकि दक्षिणी यूरोप में लोग, खासकर बुजुर्ग सूरज की रोशनी में नहीं बैठते हैं। वहीं, स्किन पिगमेंटेशन भी शरीर में प्राकृतिक रूप से विटामिन डी को बनने से रोकती है। ये शोध यूरोप के 20 देशों में कोरोना वायरस के मामले और मृत्यु दर पर किया गया था। यूनाइटेड किंगडम के एंजलिया रस्किन यूनिवर्सिटी और क्वीन एलिजाबेथ हॉस्पिटल के वैज्ञानिकों द्वारा इस शोध का नेतृत्व किया गया था।