वैसे तो वायरल फीवर किसी भी मौसम में हो सकता है, लेकिन बरसात में वायरस कुछ ज्यादा ही सक्रिय होकर हमारे शरीर को संक्रमित कर सकते हैं। अगर आपके घर में भी किसी को वायरल फीवर है तो इस कुछ बातों का ध्यान रखकर इसका इलाज किया जा सकता है। भोपाल की सीनियर फिजीशियन डॉक्टर रशिम गोयल ने बताया है वायरल फीवर के लक्षण, रोकथाम और इलाज का तरीका।
हेल्थ कैप्सुल:वैसे तो वायरल फीवर किसी भी मौसम में हो सकता है, लेकिन बरसात में वायरस कुछ ज्यादा ही सक्रिय होकर हमारे शरीर को संक्रमित कर सकते हैं। अगर आपके घर में भी किसी को वायरल फीवर है तो इस कुछ बातों का ध्यान रखकर इसका इलाज किया जा सकता है। भोपाल की सीनियर फिजीशियन डॉक्टर रशिम गोयल ने बताया है वायरल फीवर के लक्षण, रोकथाम और इलाज का तरीका।
वायरल फीवर के ये लक्षण
चक्कर आना या फिर ठंड लगना
सिरदर्द व मांसपेशियों में दर्द होना
नाक बंद रहना या इसका बहना
गले में दर्द, खांसी, उल्टी और दस्त होना
कभी-कभी शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना
वायरल फीवर की कैसे कराएं
जांच जो रोगी तेज इंफेक्शन से ग्रस्त नहीं हैं और उनके ब्लड प्रेशर आदि सेहत के पैरामीटर सही हैं, ऐसे मरीजों की डॉक्टर क्लीनिकल जांच से ही डायग्नोसिस करते हैं। गंभीर रोगियों में खून, बलगम, नाक के स्राव (सीक्रिशन) आदि की जांच की जाती है।
वायरल फीवर का इलाज
वायरल फीवर का इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है।
बुखार के लिए पैरासिटामोल का प्रयोग करें तथा गीले कपड़े से रोगी के शरीर को पोंछें।
तरल पदार्थ जैसे पानी, सूप, चाय, नारियल पानी और दाल का पानी रोगी को पर्याप्त मात्रा में दें।
एंटीबॉयोटिक का प्रयोग डॉक्टर की सलाह के बगैर न करें।
ज्यादातर वायरल संक्रमण एक सप्ताह में स्वत: ही ठीक हो जाते हैं।
ऐसे करें रोकथाम
साफ-सफाई और हाथ धोने का खास ख्याल रखें।
खाना खाने और बनाने से पहले, खाने के बाद और शौच के बाद साबुन से हाथ धोएं।
कुल मिलाकर कुछ भी खाने से पहले हाथों को साबुन से धोएं।
खांसते और छींकते समय रूमाल से मुंह और नाक को ढकें। एक तरफ कर अपनी कोहनी की ओर खांसे या छींकें।
भीड़ भरी जगहों पर जहां तक संभव हो, जाने से बचें, क्योंकि ऐसी जगहों पर जाने पर दूसरों लोगों को भी संक्रमण हो सकता है।