क्या होता है रेस्पिरेटरी डिसीजस ? डॉक्टर से समझे सांस की बीमारी के लक्षण और इससे बचने के उपाय

वीडियो डेस्क। खराब  जीवनशैली, खान-पान, दिनचर्या में कुछ बदलाव  के कारण आज लोगों में कई बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। उनमें सबसे ज्यादा सांस रोग का खतरा बना होता है।  सांस की बीमारी (श्वसन रोग) से बचने के लिए फेफड़ों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना उचित है। फेफड़े के कैंसर, अस्थमा, और सीओपीडी जैसी गंभीर बीमारियों से बचना मुश्किल है। लेकिन, जीवनशैली, खान-पान, दिनचर्या में कुछ बदलाव और स्वास्थ्य बीमा आपको सामान्य जीवन जीने में मदद कर सकते हैं। यदि आप भी फेफड़ों के किसी रोग से त्रस्त हैं तो इन महत्वपूर्ण बातों पर अमल कर अपनी ज़िंदगी को आसान बना सकते हैं। ऐसे में हमने मध्य प्रदेश के अग्रवाल हॉस्पिटल के एमडी डॉक्टर पीएन अग्रवाल से जाना क्या होती है सांस की बीमारी और इसके लक्षण? 
 

वीडियो डेस्क। खराब  जीवनशैली, खान-पान, दिनचर्या में कुछ बदलाव  के कारण आज लोगों में कई बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। उनमें सबसे ज्यादा सांस रोग का खतरा बना होता है।  सांस की बीमारी (श्वसन रोग) से बचने के लिए फेफड़ों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना उचित है। फेफड़े के कैंसर, अस्थमा, और सीओपीडी जैसी गंभीर बीमारियों से बचना मुश्किल है। लेकिन, जीवनशैली, खान-पान, दिनचर्या में कुछ बदलाव और स्वास्थ्य बीमा आपको सामान्य जीवन जीने में मदद कर सकते हैं। यदि आप भी फेफड़ों के किसी रोग से त्रस्त हैं तो इन महत्वपूर्ण बातों पर अमल कर अपनी ज़िंदगी को आसान बना सकते हैं। ऐसे में हमने मध्य प्रदेश के अग्रवाल हॉस्पिटल के एमडी डॉक्टर पीएन अग्रवाल से जाना क्या होती है सांस की बीमारी और इसके लक्षण? 


क्या होते हैं सांस की बीमारी के लक्षण?
छोटी सांस
घरघराहट
लगातार खांसी होना
छाती क्षेत्र में घिसाव
पैर की उंगलियों में सूजन
खराश और सूजन के कारण गले में दर्द
खांसी के साथ खून आना
आवाज में बदलाव
शरीर दर्द
थकान

सांस संबंधी रोगों की रोकथाम के लिए रखें इन बातों का खास ख़याल:
श्वसन विकार के लक्षणों के बारे में पता करें व डॉक्टर से परामर्श कर दवाई लें। श्वास की जांच के लिए एक पीक फ्लो मीटर भी रखें।धूम्रपान, धूल, जानवरों के फर, ठंडी हवा, फ्लू और हर उस चीज़ से बचें जो अस्थमा को ट्रिगर करती हो।सही वजन, रोजाना व्यायाम और योग आसन भी आपको सांस संबंधी रोगों से बचाते हैं।एयर प्यूरीफायर, इनहेलर्स, नाक स्प्रे और मास्क का उपयोग करें। ये आपको धूल , जर्म्ज़ और पोल्यूशन से होंने वाली सांस की बीमारियों से दूर करेगा।भोजन से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह से धोएं।खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढक कर रखें ताकि इसके कीटाणु न फैले।सब्जियों, फलों, नट्स, डेयरी और पोल्ट्री सहित स्वस्थ आहार पर खाएं।व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का चयन करें, जो आपके उपचार के खर्चों को कवर कर आपको फाइनान्षियल सेक्यूरिटी भी दे।

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