वीडियो डेस्क। भारत में कोरोना वायरस के मामलों में बेशक कमी आने लगी है लेकिन लेकिन इस बीच नए फंगल संक्रमण पैदा हो गए हैं। फंगस के मामले बहुत घातक साबित हो रहे हैं। ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के बाद येलो फंगस सामने आया है जो इन दोनों से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। येलो फंगस और भी खतरनाक है क्योंकि यह शरीर के भीतर उत्पन्न होता है, इसलिए इसका पता लगाने और उपचार में अक्सर देरी होती है। यह कई लोगों में अंग विफलता का कारण भी बन सकता है। हालांकि मृत्यु दर पर सटीक आंकड़ा देने के लिए विशेषज्ञों द्वारा अभी तक कोई स्पष्ट अध्ययन या डेटा नहीं है। वीडियो में जानिए इसके लक्षण और बचने के उपाय
ब्लैक फंगस क्या है
अब तक ब्लैक फंगस के 10,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। फंगस कुछ गंभीर मामलों में आंखों, नाक, चेहरे, फेफड़ों और यहां तक कि मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ब्लैक फंगस के मामलों में वृद्धि के पीछे स्टेरॉयड का दुरुपयोग एक कारण हो सकता है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
वीडियो डेस्क। भारत में कोरोना वायरस के मामलों में बेशक कमी आने लगी है लेकिन लेकिन इस बीच नए फंगल संक्रमण पैदा हो गए हैं। फंगस के मामले बहुत घातक साबित हो रहे हैं। ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के बाद येलो फंगस सामने आया है जो इन दोनों से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। येलो फंगस और भी खतरनाक है क्योंकि यह शरीर के भीतर उत्पन्न होता है, इसलिए इसका पता लगाने और उपचार में अक्सर देरी होती है। यह कई लोगों में अंग विफलता का कारण भी बन सकता है। हालांकि मृत्यु दर पर सटीक आंकड़ा देने के लिए विशेषज्ञों द्वारा अभी तक कोई स्पष्ट अध्ययन या डेटा नहीं है। वीडियो में जानिए इसके लक्षण और बचने के उपाय
ब्लैक फंगस क्या है
अब तक ब्लैक फंगस के 10,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। फंगस कुछ गंभीर मामलों में आंखों, नाक, चेहरे, फेफड़ों और यहां तक कि मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ब्लैक फंगस के मामलों में वृद्धि के पीछे स्टेरॉयड का दुरुपयोग एक कारण हो सकता है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकता है।