ऋषि कपूर का 67 साल की उम्र में निधन हो गया। गुरुवार सुबह मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में उनका निधन हो गया। ऋषि कपूर दो साल से ल्यूकेमिया से जूझ रहे थे जो एक तरह ब्लड कैंसर होता है। डॉक्टर सव्यसाची गुप्ता, मेडिकल विशेषज्ञ ( सिटी हॉस्पिटल भोपाल ) ने बताया कि ब्लड कैंसर खून बनाने वाले ऊतकों का कैंसर होता है जिसमें बोन मैरो भी शामिल है। यह एक तरह का ब्लड कैंसर है जिसे क्रॉनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (सीएलएल) भी कहते है। आमतौर पर शरीर में मौजूद व्हाइट ब्लड सेल्स शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती हैं लेकिन ल्यूकेमिया की स्थिति में असामान्य रूप से इन कोशिकाओं की संख्या बढ़ने लगती है। इनका आकार बदलने लगता है। धीरे-धीरे रोगों से लड़ने की क्षमता यानी इम्युनिटी घटने लगती है। इसके ज्यादातर मामले बढ़ती उम्र के लोगों में सामने आते हैं।
वीडियो डेस्क। ऋषि कपूर का 67 साल की उम्र में निधन हो गया। गुरुवार सुबह मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में उनका निधन हो गया। ऋषि कपूर दो साल से ल्यूकेमिया से जूझ रहे थे जो एक तरह ब्लड कैंसर होता है। डॉक्टर सव्यसाची गुप्ता, मेडिकल विशेषज्ञ ( सिटी हॉस्पिटल भोपाल ) ने बताया कि ब्लड कैंसर खून बनाने वाले ऊतकों का कैंसर होता है जिसमें बोन मैरो भी शामिल है। यह एक तरह का ब्लड कैंसर है जिसे क्रॉनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (सीएलएल) भी कहते है। आमतौर पर शरीर में मौजूद व्हाइट ब्लड सेल्स शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती हैं लेकिन ल्यूकेमिया की स्थिति में असामान्य रूप से इन कोशिकाओं की संख्या बढ़ने लगती है। इनका आकार बदलने लगता है। धीरे-धीरे रोगों से लड़ने की क्षमता यानी इम्युनिटी घटने लगती है। इसके ज्यादातर मामले बढ़ती उम्र के लोगों में सामने आते हैं। ल्यूकेमिया की सटीक वजह क्या है यह अब साफ नहीं हो पाया है लेकिन कुछ लक्षण ऐसे है तेजी से वजन का घटना, हर समय थकान महसूस होना, बार-बार शरीर में संक्रमण का फैलना या बीमारी होना, सिरदर्द महसूस होनाहड्डी में दर्द महसूस होना और खासतौर पर रात में अधिक पसीना निकलना।