कोविड-19 के संक्रमण ने जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है। लॉकडाउन के कारण कामकाजी लोगों को वर्क फ्रॉम होम का फार्मूला अपनाना पड़ा। ढाई माह से मार्निंग वॉक, जिम और घर से बाहर निकलना बंद रहा। ऐसे में विशेषकर सर्विस सेक्टर से जुड़े लोगों के सही ढंग से बैठने-उठने या ठीक पोश्चर अपनाने की आदत भी बिगड़ गई। ऑफिस में चेयर पर सलीके से बैठकर काम करने वाले लोग घर में सोफे, बेड, पलंग या आराम से बेड पर तकिया लगाकर काम निपटाने के आदी बनने लगे। इसी का परिणाम है कि इस दौरान कई लोगों को रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
कोविड-19 के संक्रमण ने जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है। लॉकडाउन के कारण कामकाजी लोगों को वर्क फ्रॉम होम का फार्मूला अपनाना पड़ा। ढाई माह से मार्निंग वॉक, जिम और घर से बाहर निकलना बंद रहा। ऐसे में विशेषकर सर्विस सेक्टर से जुड़े लोगों के सही ढंग से बैठने-उठने या ठीक पोश्चर अपनाने की आदत भी बिगड़ गई। ऑफिस में चेयर पर सलीके से बैठकर काम करने वाले लोग घर में सोफे, बेड, पलंग या आराम से बेड पर तकिया लगाकर काम निपटाने के आदी बनने लगे। इसी का परिणाम है कि इस दौरान कई लोगों को रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा।