वीडियो डेस्क। डेंगू बुखार, जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है, एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह तब होता है, जब वायरस वाला एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। डेंगू चार वायरसों के कारण होता है, जो इस प्रकार हैं - डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। जब यह पहले से संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। और बीमारी तब फैलती है जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, और वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिये फैलता है।क बार जब कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से उबर जाता है, तो वह विशिष्ट वायरस से प्रतिरक्षित होता है, लेकिन अन्य तीन प्रकार के वायरस से नहीं। यदि आप दूसरी, तीसरी या चौथी बार संक्रमित होते हैं तो गंभीर डेंगू बुखार, जिसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार के रूप में भी जाना जाता है, के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। डेंगू होने के तुरन्त बाद क्या करें ? बता रहे हैं भोपाल की सिटी हॉस्पिटल डॉक्टर सव्यसाची गुप्ता।
वीडियो डेस्क। डेंगू बुखार, जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है, एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह तब होता है, जब वायरस वाला एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। डेंगू चार वायरसों के कारण होता है, जो इस प्रकार हैं - डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। जब यह पहले से संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। और बीमारी तब फैलती है जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, और वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिये फैलता है।क बार जब कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से उबर जाता है, तो वह विशिष्ट वायरस से प्रतिरक्षित होता है, लेकिन अन्य तीन प्रकार के वायरस से नहीं। यदि आप दूसरी, तीसरी या चौथी बार संक्रमित होते हैं तो गंभीर डेंगू बुखार, जिसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार के रूप में भी जाना जाता है, के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। डेंगू होने के तुरन्त बाद क्या करें ? बता रहे हैं भोपाल की सिटी हॉस्पिटल डॉक्टर सव्यसाची गुप्ता।