हेल्थ कैप्सुल: पिछले 25 बरस में हमारे देश में दिल की बीमारी और दिल के दौरे का खतरा 50 प्रतिशत तक बढ़ गया है तो दिल ही बैठ जाता है। डाक्टरों का कहना है कि खान पान की आदतों में सुधार के साथ ही सैर, योग अथवा व्यायाम जैसी आदतों को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाने से रक्तप्रवाह में सुधार होता है, वजन सामान्य रखने में मदद मिलती है, तनाव में राहत मिलती है और हृदयरोग के साथ साथ और भी बहुत बीमारियों का जोखिम कम होता है। इस वीडियो मेें हार्ट के मरीज खाने में रखें इन बातों का ध्यान रखना है बता रही हैंडॉ. विनिता मेवा।
1990 के बाद से 15 प्रतिशत इजाफा
1990 में जहां देश में होने वाली कुल मौतों में 15 प्रतिशत दिल की बीमारी और दिल के दौरे की वजह से होती थी, 2016 तक आते आते यह प्रतिशत 15 से बढ़कर 28 तक पहुंच गया। श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. राकेश चुघ ने कहा कि सदियों से कहा जाता है कि जैसा खाओ अन्न वैसा होगा मन और दिल के मामले में यह एकदम सही है। खान पान की आदतों में बदलाव करें, अपने खाने से बहुत तले, भुने भोजन को कम करें, हेल्दी फैट का सेवन करें, फिर उसी अनुसार वर्कआउट भी करें। मौसमी फलों को खाने की आदत डालें। पके हुए भोजन के साथ साथ सलाद में कच्ची सब्जियां खाने पर बल दें। हर तरह के नशे से दूर रहने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि शरीर को सक्रिय रखने के लिए अपनी पसंद के अनुसार किसी व्यायाम, योग या खेल आदि का चुनाव करें और इसे नियमित रूप से अपने व्यस्त जीवन से समय दें।
हेल्थ कैप्सुल: पिछले 25 बरस में हमारे देश में दिल की बीमारी और दिल के दौरे का खतरा 50 प्रतिशत तक बढ़ गया है तो दिल ही बैठ जाता है। डाक्टरों का कहना है कि खान पान की आदतों में सुधार के साथ ही सैर, योग अथवा व्यायाम जैसी आदतों को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाने से रक्तप्रवाह में सुधार होता है, वजन सामान्य रखने में मदद मिलती है, तनाव में राहत मिलती है और हृदयरोग के साथ साथ और भी बहुत बीमारियों का जोखिम कम होता है। इस वीडियो मेें हार्ट के मरीज खाने में रखें इन बातों का ध्यान रखना है बता रही हैंडॉ. विनिता मेवा।