वीडियो डेस्क। कोरोना के कहर के बीच पहले ब्लैक फंगस व्हाइट फंगस और अब येलो फंगस ने भी दस्तक दे दी है। यूपी के गाजियाबाद में येलो फंगस का पहला मामला सामने आया है। येलो फंगस सबसे ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। येलो फंगस के लक्षणों में सुस्ती, कम भूख लगना, या बिल्कुल भी भूख न लगना और वजन कम होना देखा जा रहा है।
वीडियो डेस्क। कोरोना के कहर के बीच पहले ब्लैक फंगस व्हाइट फंगस और अब येलो फंगस ने भी दस्तक दे दी है। यूपी के गाजियाबाद में येलो फंगस का पहला मामला सामने आया है। येलो फंगस सबसे ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। येलो फंगस के लक्षणों में सुस्ती, कम भूख लगना, या बिल्कुल भी भूख न लगना और वजन कम होना देखा जा रहा है। ये तेजी से फैलता है और घातक होता जाता है। घावों से मवाद का रिसाव, और घावों की ठीक होने की धीमी गति करना पाया गया है। डॉक्टर की सलाह है कि ये गंभीर है और आप इनमें से किसी भी लक्षण को नोटिस करते ही उपचार शुरू कर दें। इसका एक मात्र इलाज amphoteracin b इंजेक्शन है। जो एक ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीफ़ंगल है। येलो फंगस फैलने का कारण अनहाईजीन है। सफाई रखें, स्वच्छता इस बैक्टीरिया और फ़ंगस के विकास को रोकने में मदद करेगा। येलो फंगस से पीड़ित पहला मरीज गाजियाबाद का रहने वाला है जो 34 साल का है मरीज को डाइबिटीज भी है और कोरोना संक्रमित भी रह चुका है। डॉक्टर ने इसका इलाज शुरू कर दिया है।