आदिवासियों पर जमीदारों के अत्याचारों से त्रस्त होकर कोमाराम भीम ने जल, जंगल और जमीन का नारा दिया था। आजादी के अमृत महोत्सव में जानें कोमाराम भीम के संघर्ष की कहानी। जानें आखिर कहां से आया जल जंगल और जमीन का नारा
जल जंगल जमीन का नारा देने वाले भीम का जन्म उत्तरी हैदराबाद के आसिफाबाद में सांकेपल्ली के एक गोंड परिवार में हुआ था। वह चंदा-बल्लारपुर वन क्षेत्र में बड़े हुए। इस क्षेत्र में स्थानीय जमींदार और निजाम आदिवासियों का शोषण करते थे। अधिकारियों द्वारा अत्यधिक कर लगाने के प्रयासों और आदिवासियों को बाहर निकालने के लिए खनन लॉबी के प्रयासों का गोंडों ने विरोध किया। उन संघर्षों के दौरान कोमाराम भीम के पिता मारे गए थे। इसके बाद भीम और उनका परिवार करीमनगर क्षेत्र में चले गए। लेकिन निजाम और जमींदार की सेना के अत्याचारों ने भीम का वहां भी इंतजार किया। उन दिनों भीम के हाथों एक पुलिसकर्मी मारा गया था। जानिए क्या थी जल जंगल जमीन की कहानी।