जमशेदजी नौसेरवानजी ने 29 साल की उम्र में अपनी खुद की फर्म शुरू की। उन्होंने एक दिवालिया हो चुकी तेल मिल खरीदी और इसे कपास मिल में बदल दिया। फिर यह मुंबई का तेजी से बढ़ता क्षेत्र बन गया। उस मिल का नाम एलेक्जेंड्रा मिल थी।
भारत के आधुनिक उद्योग की नींव रखने वालों में सबसे प्रमुख नाम जमशेद जी नौसेरवान टाटा का आता है। भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साम्राज्य के संस्थापक को तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू ने उन्हें खुद की योजना आयोग कहा था।जमशेदजी का जन्म 1839 में एक पारसी पुजारी परिवार में हुआ था। जिसकी जड़ें ईरान से लेकर दक्षिणी गुजरात के नवसारी में थीं। उनके बेटे नसरवानजी ने सबसे पहले परिवार की पुरोहित परंपरा को तोड़ा और व्यापारी बन गए। वह परिवार के साथ मुंबई चले गए और एक निर्यात फर्म की स्थापना की। प्रगतिशील पिता की सोच को आगे बढ़ाते हुए जमशेदजी ने उद्योग स्थापित करने शुरू कर दिए। जमशेदजी पश्चिमी शिक्षा प्राप्त करने वाले पारसी परिवारों में से एक थे। एलफिंस्टन कॉलेज से स्नातक होने के बाद जमशेदजी पिता के निर्यात व्यवसाय में शामिल हो गए। फिर उन्होंनवे जापान, चीन और यूरोप में व्यापार फैलाया। जमशेदजी के पिता ने अपने बेटे को उस काल के सबसे लाभदायक व्यवसाय अफीम व्यापार के बारे में जानने के लिए चीन भी भेजा था।