कपूरथला के एक गरीब ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए अमरनाथ को एक अमीर मुस्लिम परिवार ने गोद लिया था। वह स्वतंत्र भारत के पहले कप्तान भी बने। लाला अमरनाथ मध्यम गति की गेंदबाजी करते थे। 1952 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की पहली सीरीज जीत हुई थी।
तब भारत पर पारी की हार का खतरा मंडरा रहा था। भारत ने दूसरी पारी शुरू की लेकिन दोनों सलामी बल्लेबाज बहुत जल्दी पवेलियन वापस लौट गए। तब भारत ने सिर्फ 21 रन बनाए थे। वन-डाउन बल्लेबाज फिर से पंजाब के अमरनाथ थे। उसके बाद जिमखाना मैदान ने जो देखा वह अविश्वसनीय था। इस नौजवान ने तूफान खड़ा कर दिया और प्रसिद्ध अंग्रेजी गेंदबाजों को जमकर बाउंड्री के बाहर पहुंचाना शुरू कर दिया। लाला अमरनाथ इस कदर खेल रहे थे जैसे आजकल टी20 का गेम होता है। अमरनाथ हर मिनट में रन बना रहे थे। उन्होंने शुरू के 88 रन मात्र 78 मिनटों में बना डाले। वे इतिहास रचने जा रहे थे और कुछ ही देर बाद वे टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से शतक मारने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। यह कारनामा उन्होंने अपने डेब्यू मैच में किया और 100 रन बनाने में 21 चौके जड़ डाले थे। जानें कौन थे लाला अमरनाथ।