आजादी के अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है आज कहानी दक्षिण के जलियावाला बाग की। तमिलनाडु के मदुरै जिले में उसिलामपट्टी के पास पेरुंगमनल्लूर है जिसे जलियांवाला बाग कहा जाता है। 3 अप्रैल 1920 को वहां ऐसा नरसंहार हुआ जिसने हर किसी को हिला दिया
वीडियो डेस्क। तमिलनाडु के मदुरै जिले में उसिलामपट्टी के पास पेरुंगमनल्लूर है जिसे जलियांवाला बाग कहा जाता है। 3 अप्रैल 1920 को ब्रिटिश पुलिस द्वारा अंधाधुंध फायरिंग में पिरामलाई कल्लर जनजाति के 17 व्यक्तियों को मार दिया गया था। फायरिंग का उद्देश्य 1911 के आपराधिक जनजाति अधिनियम नामक काले कानून के माध्यम से अपने पूरे समुदाय को अपराधी बनाने के ब्रिटिश प्रयास के खिलाफ आदिवासियों के आंदोलन को दबाने के लिए था। जानें क्या है दक्षिण के इस जलियांवाला की कहानी