आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति देने वालीं कई महिलाएं हुईं। इतिहास के पन्नों पर रानी लक्ष्मबाई की नाम बड़े गर्व के साथ लिया गया है। वहीं रानी लक्ष्मीबाई से पहले भी एक महिला थीं रानी वेणु नाचियार जिन्होंने अंग्रेजों की चूल्हे हिला दीं
भारत में इतिहास के पन्नों पर कई बहादुर महिलाओं का जिक्र है जिन्होंने अंग्रेजों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बारे में तो सब जानत हैं। लेकिन आज बात रानी वेलुनचियार की जो रानी लक्ष्मीबाई से बहुत पहले अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की बिगुल बजा चुकी थीं। जो तमिलनाडु की लक्ष्मीबाई कहलाईं। तमिलनाडु की दो बहादुर महिलाएं। रानी वेलु नचियार और उनकी महिला कमांडर कुयली देश के लिए शहीद हो गईं। देश में 18वीं शताब्दी के दौरान अंग्रेजों को परास्त करने वाले पॉलीगर युद्धों में ये महिलाएं सबसे आगे थीं।रानी वेलु मार्शल आर्ट, तीरंदाजी और घुड़सवारी में माहिर थीं। इसके साथ ही वे उर्दू, अंग्रेजी और फ्रेंच सहित कई भाषाओं में भी कुशल थीं।