आंखों में आंसू और दिल में वेदना लिए एक बेटी अपने पिता के हत्यारे आतंकियों को ललकार रही है। '..कायरो तुम में अगर हिम्मत है तो सामने आओ। मैं तुम्हें छोड़ूगी नहीं। गोली तो मैं तुम्हें मारूंगी। कब तक बुजदिलों की तरह हत्याएं करते रहोगे।' यह बहादुर बेटी है शीन पंडिता, जिसके पिता सरपंच अजय पंडिता (भारती) को आतंकियों ने दो दिन पहले दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया था। शीन ने कहा कि पापा ने अपना कर्तव्य निभा दिया अब सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाए।
आंखों में आंसू और दिल में वेदना लिए एक बेटी अपने पिता के हत्यारे आतंकियों को ललकार रही है। '..कायरो तुम में अगर हिम्मत है तो सामने आओ। मैं तुम्हें छोड़ूगी नहीं। गोली तो मैं तुम्हें मारूंगी। कब तक बुजदिलों की तरह हत्याएं करते रहोगे।' यह बहादुर बेटी है शीन पंडिता, जिसके पिता सरपंच अजय पंडिता (भारती) को आतंकियों ने दो दिन पहले दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया था। शीन ने कहा कि पापा ने अपना कर्तव्य निभा दिया अब सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाए।