
हर इंसान के अंदर दो आवाज़ें होती हैं। एक जो डराती है …कहती है, “ज्यादा मत सोचो, चुप रहो, सब ऐसे ही होता है।” और एक जो पुकारती है…कहती है, “तोड़ दो साँचे, सवाल पूछो, खुद की सुनो।” "Do Kism Ki Awaazen" एक नज़्म-नुमा विचार है, उन सभी के लिए जो यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि किसकी सुनें। ज़िंदगी के मोड़ों पर अक्सर भीड़ होती है… और हर कोई कुछ न कुछ कह रहा होता है। इस भीड़ में, अपनी असली आवाज़ पहचानना …यही असली काम है। AsiaNet News Hindi और Vineet KKN 'Panchhi' के साथ इस News Se Break में एक बार फिर, आइए खुद से मिलें।