वीडियो डेस्क। चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व चल रहे हैं। 20 अप्रैल को अष्टमी और 21 अप्रैल को नवमी की पूजा की जाएगी। नवमी के दिन 10 साल की छोटी छोटी कन्याओं को भोजन कराया जाता है।और उपहार देकर विदा किया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, कन्याएं साक्षात माता का स्वरूप मानी जाती हैं, इसीलिए नवरात्रि में उनकी पूजा करने का विशेष महत्व है। लेकिन सवाल ये है कि कोरोना काल में कैसे कन्या पूजन पूर्ण करें।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, वैसे तो कन्या पूजा में अधिक से अधिक कन्याओं को घर बुलाकर भोजन करवाना चाहिए, लेकिन वर्तमान समय में कोरोना के कारण ऐसा करना संभव नहीं है। ऐसी परिस्थिति में किसी एक कन्या को घर में भोजन करवाकर विधि-विधान से पूजा कर इस परंपरा का निर्वहन किया जा सकता है। अगर घर पर कोई कन्या है तो उसका पूजन करके भी व्रत पूर्ण किया जा सकता है।
वीडियो डेस्क। चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व चल रहे हैं। 20 अप्रैल को अष्टमी और 21 अप्रैल को नवमी की पूजा की जाएगी। नवमी के दिन 10 साल की छोटी छोटी कन्याओं को भोजन कराया जाता है।और उपहार देकर विदा किया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, कन्याएं साक्षात माता का स्वरूप मानी जाती हैं, इसीलिए नवरात्रि में उनकी पूजा करने का विशेष महत्व है। लेकिन सवाल ये है कि कोरोना काल में कैसे कन्या पूजन पूर्ण करें।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, वैसे तो कन्या पूजा में अधिक से अधिक कन्याओं को घर बुलाकर भोजन करवाना चाहिए, लेकिन वर्तमान समय में कोरोना के कारण ऐसा करना संभव नहीं है। ऐसी परिस्थिति में किसी एक कन्या को घर में भोजन करवाकर विधि-विधान से पूजा कर इस परंपरा का निर्वहन किया जा सकता है। अगर घर पर कोई कन्या है तो उसका पूजन करके भी व्रत पूर्ण किया जा सकता है।