वीडियो डेस्क। श्राद्ध पक्ष की शुरूआत हो चुकी है। 2 सितंबर से 17 सितंबर तक श्राद्ध पक्ष रहेंगे। इस दौरान मृत परिजनों की स्मृति में तर्पण, पिंडदान किया जाता है। साथ ही ब्राह्मणों को घर बुलाकर भोजन करवाया जाता है व दान दिया जाता है। श्राद्ध में ब्राह्मणों को भोजन करवाने का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। लेकिन इस समय पूरी दुनिया में कोरोना का खौफ है। सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। ऐसे में घर में ब्राह्मण भोज करवाना संभव नहीं है। तो आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे बिना ब्राह्मण भोज के आपके पितरों प्रसन्न हो सकते हैं। और आपके कार्य पूरे हो सकते हैं।
वीडियो डेस्क। श्राद्ध पक्ष की शुरूआत हो चुकी है। 2 सितंबर से 17 सितंबर तक श्राद्ध पक्ष रहेंगे। इस दौरान मृत परिजनों की स्मृति में तर्पण, पिंडदान किया जाता है। साथ ही ब्राह्मणों को घर बुलाकर भोजन करवाया जाता है व दान दिया जाता है। श्राद्ध में ब्राह्मणों को भोजन करवाने का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। लेकिन इस समय पूरी दुनिया में कोरोना का खौफ है। सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। ऐसे में घर में ब्राह्मण भोज करवाना संभव नहीं है। तो आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे बिना ब्राह्मण भोज के आपके पितरों प्रसन्न हो सकते हैं। और आपके कार्य पूरे हो सकते हैं।
ये हैं कुछ उपाय...
1. अगर आप घर में ब्राह्मण भोज नहीं करवा पा रहे हैं तो किसी योग्य ब्राह्मण के घर जाकर कच्चे भोजन की सामग्री देकर आएं। ये अन्न का दान कहलाएगा। इससे आपके पितरों कों संतुष्टि मिल सकती है।
2. कच्चे भोजन की सामग्री में आटा, दाल, चावल, नमक, हल्दी, मिर्ची, घी, गुड़, हरी सब्जी होना जरूरी हैं।
3. वहीं कच्चे भोजन की सामग्री देते समय ब्राह्मण को दक्षणा देना ना भूलें कहते हैं बिना दक्षणा के पितृ भोजन को मान्य नहीं करते हैं। इसलिए अपनी इच्छा अनुसार रुपए दान करें।
4. कच्चे भोजन की सामग्री के अलावा अपनी इच्छा अनुसार, नए वस्त्र, बर्तन, चप्पलों का भी दान कर सकते हैं। इन चीजों का दान ब्राह्मण को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
5. अगर आप 1 से अधिक ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहते हैं तो किसी गुरुकुल में उतने ब्राह्मणों के निमित्त कच्चे भोजन की सामग्री का दान करें।
6. एक बात का विशेष ध्यान रखें कि ये सब करते समय मन में पितरों के प्रति श्रद्धा का भाव होना चाहिए। तभी पितृ प्रसन्न होते हैं।
8 पितृपक्षों में गाय, कुत्ते और कौए को जरूर खिलाना चाहिए।
7. इस प्रकार घर में ब्राह्मण भोज न करवाकर भी आप उसका पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं।