मथुरा: प्रशासनिक अफसरों से नहीं छूट रहा कुर्सी का मोह, जानिए 12 सालों से कुर्सी पर टिके रहने की पूरी कहानी

उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा चलाई गई तबादला एक्सप्रेस में अधिकारियों के ट्रांसफर जहां किए जा रहे हैं, वहीं मथुरा जिले के प्रशासन में करीब दो दर्जन ऐसे अधिकारी हैं जो कई सालों से मलाईदार सीटों पर बैठकर चांदी काट रहे हैं। सदर तहसील, राजीव भवन के साथ-साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मथुरा वृंदावन नगर निगम में अधिकारी और बाबू मलाईदार सीटों से हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। 
 

मथुरा: शासन स्तर पर भले ही अधिकारियों के तबादले हो गए हों, लेकिन अधिकारी अपनी मलाईदार सीटों को छोड़ना नहीं चाहते हैं। जिला मुख्यालय सहित क़रीब आधा दर्जन विभागों में अधिकारी लंबे समय से सीटों को कब्जाए हुए हैं। सदर तहसील, राजीव भवन, कलेक्ट्रेट के साथ साथ नगर निगम मथुरा-वृंदावन के कई विभागों में बाबू और अधिकारी मलाई काट रहे हैं। शासन द्वारा जारी हुए जिओ का अधिकारियों पर कितना असर होता है ये देखना होगा। 

उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा चलाई गई तबादला एक्सप्रेस में अधिकारियों के ट्रांसफर जहां किए जा रहे हैं, वहीं मथुरा जिले के प्रशासन में करीब दो दर्जन ऐसे अधिकारी हैं जो कई सालों से मलाईदार सीटों पर बैठकर चांदी काट रहे हैं। सदर तहसील, राजीव भवन के साथ-साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मथुरा वृंदावन नगर निगम में अधिकारी और बाबू मलाईदार सीटों से हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। मथुरा वृंदावन नगर निगम की अगर बात की जाए तो करीब 18 बाबू और अधिकारी ऐसे हैं, जो कई वर्षों से इन सीटों पर बैठकर जमकर चांदी काट रहे हैं। नगर निगम मथुरा वृंदावन के निर्माण विभाग में दीपक सैनी करीब 6 वर्ष से इस सीट पर जमे हुए हैं, तो वहीं विशाल यादव भी निर्माण विभाग में 4 वर्षों से अपना कब्जा बाबू की सीट पर जमाए हुए हैं। राम खिलाड़ी निर्माण विभाग में करीब 4 साल से हैं, तो वहीं हरि कृष्ण शर्मा लाइट विभाग में करीब साढ़े 3 साल से सीट पर बैठ कर चांदी काट रहे हैं। पवन चतुर्वेदी अकाउंट विभाग में करीब 10 सालों से हैं, तो वहीं राजेश यादव गैरेज गोदाम में 12 सालों से सीट पर बैठकर मलाई बटोर रहे हैं। राजेश यादव की खासियत यह है कि एक 1 महीने बाद यह अपना ट्रांसफर इधर उधर करा लेते हैं और पैसे के बल पर सिर्फ उन्हें जाकर गैरेज में आसीन हो जाते हैं। मथुरा वृंदावन नगर निगम के टैक्स विभाग की अगर बात करें तो जमुना देवी शर्मा करीब 10 साल से कार्यरत हैं। पेशकार कार्यालय में दिलीप यादव पिछले 6 वर्षों से तैनात हैं। कई अधिकारी आये और गए कोई दिलीप यादव को हिला नहीं सका। 

अब बात जरा सहायक नगर आयुक्त और अपर नगर आयुक्त की करें तो सहायक नगर आयुक्त राजकुमार मित्तल पिछले 4 वर्षों से इस गद्दी पर बैठ कर मलाई बटोर रहे हैं। जबकि सत्येंद्र तिवारी भी 4 सालों से सीट पर बैठकर जमकर चांदी काट रहे हैं। वृंदावन की बात करते हैं यहां भी अधिकारी कम नहीं है। राजकुमार रावत, प्रकाश विभाग में तैनात हैं और पिछले 15 वर्षों से यहां बैठकर गद्दी का सुख ले रहे हैं। अब दूसरे महाशय राजकुमार की बात करें तो ये भी कम नहीं हैं, राजकुमार गैरेज इंचार्ज हैं। वृंदावन में वह भी 15 साल से उस गद्दी का भरपूर आनंद ले रहे हैं। पीके मिश्रा निर्माण विभाग में पिछले 4 सालों से तैनात हैं, तो केके सेनेटरी इंस्पेक्टर पिछले 12 सालों से एक ही पद पर रह कर जमकर उस कुर्सी का सुख ले रहे हैं।

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