आगरा के आवास विकास कॉलोनी से सामूहिक आत्महत्या की घटना के बाद हड़कंप मचा हुआ है। यहां पति-पत्नी और बेटी का शव फंदे से लटकता मिला। मृतक सोनू और गीता ने 15 साल पहले प्रेम विवाह किया था। आर्थिक स्थिति ठीक न होने से वह कुछ समय से माता-पिता के साथ रह रहे थे। परिजनों को इस घटना की जानकारी उस समय लगी जब सुबह सात बजे श्याम नीचे उतरकर आया। मामले को लेकर पुलिस तफ्तीश में जुटी हुई है। हालांकि इस घटना को आत्महत्या ही माना जा रहा है।
आगरा: आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर 10 निवासी मोनू, उसकी पत्नी गीता और आठ वर्षीय बेटी सृष्टि की मौत से मोहल्ले में कोहराम मचा है। तीन मौतों के बाद घर पर सिर्फ 10 वर्षीय बेटा श्याम ही जिंदा बचा है। पुलिस इस घटना को आत्महत्या मान रही है। हालांकि बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि अगर सोनू और गीता ने आत्महत्या की तो बेटी की मौत किस तरह से हुई? तीनों के शव बुधवार सुबह घर में फंदे से लटकते हुए मिले। इसके बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। मामले की जांच जारी है।
परिजनों की ओर से जानकारी सोनू ने 15 साल पहले आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर 12 निवासी गीता से प्यार किया था। इसके बाद ही दोनों घर से चले गए थे। दोनों प्रेम विवाह के बाद हरिद्वार में रहते थे। सोनू वहां एक फैक्ट्री में काम करता था। सोनू की मां ने बताया कि बेटे का छह माह पहले ही एक्सीडेंट हुआ था। उसके कंधे में चोट आई थी और उसके बाद से वह वजन नहीं उठा पाता था। इसकी के चलते उसे परिजन घर से लाए थे और उसका इलाज जारी था। ठीक होने के बाद वह पिता की ट्रक बॉडी बनाने की दुकान पर काम करने लगा था।
एक ही मकान में अगल-अलग मंजिल पर परिवार रहता था। काम नहीं होने के चलते बच्चों की पढ़ाई भी छूट गई थी और इस बीच जो भी खर्च होता था वह उसके पिता ही उठा रहे थे। मां ने बताया कि मंगलवार की शाम को तकरीबन 7 बजे बेटी सृष्टि नीचे आई और दूध लेकर चली गई। इसके बाद से कोई नीचे नहीं आया। बुधवार को सुबह सात बजे बेटा श्याम नीचे आया। उस दौरान बुआ बीनू भी आई हुई थीं। इस बीच बेटे से कुछ सामान लाने को कहा गया तो वह नहीं गया। कारण पूछने पर उसने बताया कि सभी लटक रहे हैं। इसके बाद ही परिवार को मामले की जानकारी हो सकी। परिवार के लोग ऊपर पहुंचे तो शवों को देखकर चीख-पुकार मच गई।