वीडियो डेस्क। एशियानेट न्यूज वहां पहुंचा जहां अभी तक कोई नहीं पहुंच पाया है। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का निर्माण तक पहुंचा। कैसे इस भव्य मंदिर की नींव रखी गई। कैसे ये मंदिर 1000 सालों तक जमीन पर टिका रहेगा। इंजीनियरिंग दिमाग ने इस मंदिर की नींव को मजबूत करने के लिए क्या किया है। एशियानेट के राजेश कालरा ने मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष श्री नृपेंद्र मिश्रा से बात की।
वीडियो डेस्क। एशियानेट न्यूज वहां पहुंचा जहां अभी तक कोई नहीं पहुंच पाया है। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का निर्माण तक पहुंचा। कैसे इस भव्य मंदिर की नींव रखी गई। कैसे ये मंदिर 1000 सालों तक जमीन पर टिका रहेगा। इंजीनियरिंग दिमाग ने इस मंदिर की नींव को मजबूत करने के लिए क्या किया है। एशियानेट के राजेश कालरा ने मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष श्री नृपेंद्र मिश्रा से बात की। नृपेंद्र मिश्रा ने मंदिर को लेकर खास बातें बताई हैं। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष श्री नृपेंद्र मिश्रा ने एशियानेट न्यूज के राजेश कालरा को बताया कि न्यूनतम 1000 वर्ष की आयु सुनिश्चित करने की दृष्टि से लगभग 15 मीटर की खुदाई के बाद नींव रखी गई थी। देश के पांच आईआईटी ने मिलकर नींव को मजबूत करने पर काम किया है। मंदिर का निर्माण तेज भूकंप को झेलने की तकनीक से किया गया है
नींव के लिए एक लाख बत्तीस हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया था। इसके लिए तीन लाख टन सामग्री अयोध्या लाई गई थी। क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियों का विस्तार से अध्ययन किया गया और भूकंप का विरोध करने की योजना बनाई गई। नेपाल से लेकर मंदिर स्थल के आसपास 500 वर्ग किमी तक के पिछले कई वर्षों के रिचर स्केल रिकॉर्ड का अध्ययन किया गया। भारत सरकार के तहत सर्वश्रेष्ठ संस्थानों ने इस गणना पर पहुंचने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिमाग लगाया है।