तभी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने मिलकर एक पेड़ लगाया और उसका नाम रखा जनतंत्र वृक्ष। बीएचयू के बिड़ला हॉस्टल में आज भी वृक्ष का स्तंभ मौजूद है।
वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक ऐसा वृक्ष है जो पिछले 72 सालों से आज तक की जनतंत्र की कहानी को बयां कर रहा है। देश के स्वतंत्रता संग्राम में बीएचयू की अहम भूमिका थी। चंद्रशेखर आजाद, राजेंद्र लाहिड़ी, भारत रत्न से सम्मानित पंडित मदन मोहन मालवीय, सर्वपल्ली डॉ.राधाकृष्णन जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी विश्वविद्यालय से जुड़े थे। 26 जनवरी 1950 को देश का अपना संविधान लागू हुआ। पूरे देश में हर्ष का माहौल था। तभी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने मिलकर एक पेड़ लगाया और उसका नाम रखा जनतंत्र वृक्ष। बीएचयू के बिड़ला हॉस्टल में आज भी वृक्ष का स्तंभ मौजूद है।