वीडियो डेस्क। नवरात्र की सप्तमी तिथि को मां दुर्गा के सांतवें स्वरूप यानि कि मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। काशी में मां के नौ रूपों के अलग अलग मंदिर स्थित हैं। इन प्राचीन और दिव्य मंदिरों में मां जगत जननी अपने 9 रूपों में भक्तों को दर्शन देती हैं। वाराणसी में मां कालरात्रि का मंदिर चौक इलाके के कालिका गली में स्थित है।
वीडियो डेस्क। नवरात्र की सप्तमी तिथि को मां दुर्गा के सांतवें स्वरूप यानि कि मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। काशी में मां के नौ रूपों के अलग अलग मंदिर स्थित हैं। इन प्राचीन और दिव्य मंदिरों में मां जगत जननी अपने 9 रूपों में भक्तों को दर्शन देती हैं। वाराणसी में मां कालरात्रि का मंदिर चौक इलाके के कालिका गली में स्थित है। तड़के सुबह से ही भक्तों का हुजूम मां के दर्शन को उमड़ गया। हांथो में फूल-माला और नारियल लिए श्रद्धालु मां के दर्शन करने के लिए घंटों कतारी में लगे रहे। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय माता दी और जय कालरात्रि माता के उद्घोष से गुंजायमान हो उठा। माना जाता है, माता के चरणों में गुड़हल के पुष्प की माला, लाल चुनरी, नारियल, फल, मिष्ठान, सिन्दूर, रोली, इत्र और द्रव्य अर्पित करना विशेष फलदायी होता है। सुनिए माता की मूर्ति के बिल्कुल पास बैठे पुजारी सुरेंद्र तिवारी ने क्या कहा?