काशी विद्वत कर्मकांड परिषद ने प्रधानमंत्री से एक बड़ी मांग की है। कश्मीर में बंद पड़े 40 से ज्यादा मंदिरों में विधिवत तरीके से पूजा-पाठ और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ धार्मिक रीति-रिवाजों का संचालन हो सके इसके लिए काशी के ब्राह्मणों ने आह्वान किया है।
वाराणसी: कश्मीर फाइल्स फ़िल्म रिलीज़ के बाद से कश्मीर और वहां के मुद्दे अब व्यापक चर्चा का विषय बन गए हैं। 1990 में कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित फिल्म के सामने आते ही धार्मिक आधार पर मन्दिरों के बन्द होने और वहां पर पूजा-पाठ ना होना भी एक मुद्दा बनता जा रहा है ।
ऐसे में काशी विद्वत कर्मकांड परिषद ने प्रधानमंत्री से एक बड़ी मांग की है। कश्मीर में बंद पड़े 40 से ज्यादा मंदिरों में विधिवत तरीके से पूजा-पाठ और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ धार्मिक रीति-रिवाजों का संचालन हो सके इसके लिए काशी के ब्राह्मणों ने आह्वान किया है। विद्वत कर्मकांड परिषद के अध्यक्ष पंडित अशोक द्विवेदी ने प्रधानमंत्री को इस आशय से जुड़ी हुई एक चिट्ठी लिखी है।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पूर्व अध्यक्ष और काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के अध्यक्ष पंडित अशोक द्विवेदी ने प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखकर एक मांग की है जिसके अंतर्गत उन्होंने प्रधानमंत्री से दक्षिणा स्वरूप कश्मीर के बंद पड़े मंदिरों में विधिवत पूजा-पाठ और वैदिक मंत्रोचार के साथ धार्मिक गतिविधियों का संचालन करने की इज़ाज़त मांगी है। पंडित अशोक द्विवेदी ने बताया कि काशी और कश्मीर का पुरातन काल से धार्मिक कर्मकांड का सम्बंध रहा है । मैं वहां के ब्राह्मण और पंडितो का पूरा संम्मान करता हु और वहां पर बन्द पड़े मन्दिरों में वैदिक कर्मकांड और धार्मिक मान्यताओं के साथ विधिवत पूजन अर्चना शुरू हो सके इसके लिए बिना डर भय के पीएम के साथ इस अभियान का हिस्सा बनना चाहता हूं।
काशी विद्युत कर्मकांड परिषद के अध्यक्ष पंडित अशोक द्विवेदी ने बताया कि परिषद के बैठक में धर्माचार्य और काशी के ब्राह्मण शामिल हुए। सब ने सर्वसम्मति से कश्मीर के मुद्दे पर निर्णय लिया। पंडित अशोक द्विवेदी ने बताया कि वह खुद प्रधानमंत्री का 5 बार पूजा करा चुके हैं। ऐसे में उन्हें प्रधानमंत्री से दक्षिणा के रूप में कश्मीर में बंद पड़े मंदिरों में पूजा-पाठ की इजाजत चाहिए। इसके लिए वह काशी से ब्राह्मणों की एक पूरी टीम भेजने को तैयार है। जो लगातार वहां रह कर मन्दिरो में पूजा पाठ करेंगे।