उन्हें दो अंतर्राष्ट्रीय, 15 राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं। वे बीएचयू की ओर से यूएसए, कनाडा, यूके व नीदरलैंड का दौरा भी कर चुके हैं। वहीं वे बीएचयू के साथ ही गोरखपुर विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल के सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके सवा सौ से अधिक रिसर्च पेपर विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ त्रिपाठी ने इस पद्म सम्मान को अपने गुरु और माता-पिता को समर्पित किया। बताया कि जीवन के इस पड़ाव पर मिलने वाला यह सम्मान एक आदर्श है।
वाराणसी: आईएमएस बीएचयू के नेफ्रोलॉजी और मेडिसिन चिकित्सा से जुड़े सेवानिवृत्त प्रो कमलाकर त्रिपाठी का जीवन धर्म ही रोगियों की सेवा है। उन्हें इस बार पद्मभूषण सम्मान के लिए चुना गया है। सिद्धार्थनगर के मदनपुर गांव के मूल निवासी डॉ. त्रिपाठी वाराणसी के रवींद्रपुरी एक्सटेंशन में रहते हैं। डॉ. त्रिपाठी नेफ्रोलाजी विभाग के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा से 1998 से 2001 तक जनरल मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष रहे। उन्होंने संस्थान में प्रभारी के तौर पर डीन की भी जिम्मेदारी भी बखूबी संभाली। वो 2008 से 2009 तक इंडियन हाइपरटेंशन सोसायटी के अध्यक्ष रहे। इसके अलावा 2009 से 11 तक यूपी डायबिटीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे। उन्हें दो अंतर्राष्ट्रीय, 15 राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं। वे बीएचयू की ओर से यूएसए, कनाडा, यूके व नीदरलैंड का दौरा भी कर चुके हैं। वहीं वे बीएचयू के साथ ही गोरखपुर विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल के सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके सवा सौ से अधिक रिसर्च पेपर विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ त्रिपाठी ने इस पद्म सम्मान को अपने गुरु और माता-पिता को समर्पित किया। बताया कि जीवन के इस पड़ाव पर मिलने वाला यह सम्मान एक आदर्श है।