सोनभद्र(यूपी) में 17 जुलाई को हुए खूनी संघर्ष में 10 लोगों की मौत के बाद शुरू हुई राजनीति। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ितों से मिलना चाहती थीं।
शुक्रवार को मीडिया से चर्चा करते हुए योगी ने कहा कि सोनभद्र की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। 1955 से 1989 तक यह जमीन आदर्श सोसायटी के नाम पर थी। 1989 में बिहार के एक आईएएस के नाम पर कर दिया जो गलत था। हालांकि वे इस पर कब्जा नहीं कर पाए। 2017 इसे ग्राम प्रधान को बेच दिया गया। उधर, मामले को लेकर विपक्षी दलों ने विधानसभा के अंदर जमकर हंगामा किया है। विपक्षी सदस्य विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के आसन तक पहुंच गए। उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मामले पर अपना बयान दे रहे थे।