साक्षी महाराज ने कहा कि पंजाब में जिस तरह से प्रधानमंत्री के काफिले को रोका गया वह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकती है। इसकी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए। मोदी भारत के प्रधानमंत्री है। लेकिन आज विश्व भी उन्हें अपना नेता मानने लगे हैं। साजिश का पर्दाफाश किया जाना बहुत जरूरी है जो भी इसके दोषी हैं उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।
उन्नाव: अपने आवास पर साक्षी महराज (Sakshi Maharaj) ने मौलाना तौकीर रजा पर जमकर निशाना साधा। साक्षी महाराज ने कहा कि गृहयुद्ध करने वाले को योगी सरकार (Yogi Government) में 50-60 फिट गड्ढे मे दफना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री मौनी बाबा नहीं 56 इंच वाले नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश की कमान बुलडोजर नरेश योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditiyanath) के हाथ में हैं। साथ ही हिन्दुस्तान किसी को गृहयुद्ध की इजाजत नहीं देता है।
भगवाधारी कुछ बोलें तो बन जाती हैं सूर्खियां
साक्षी महाराज ने कहा कि वे भी धर्म संसद के सदस्य रहे हैं। लेकिन वो धर्म संसद विश्व हिन्दू परिषद द्वारा संचालित होती थी। संतों को हमेशा संयम होकर बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि भगवाधारी कुछ बोलें तो वह सूर्खियां बन जाती है। वचनों की अभिव्यक्ति की आजादी है तो सभी वर्गों को होनी चाहिए। किसी एक विशेष वर्ग को नहीं। संतों पर तुरंत मुकदमें दर्ज कर दिए जाते हैं जो हिन्दुओं के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं उन्हें किसने आजादी दे रखी है। पाबंदी सभी पर हो या बोलने की आजादी फिर सभी को मिले। हिन्दुओं के खिलाफ जहर उगलने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। साक्षी महाराज ने कहा कि पंजाब में जिस तरह से प्रधानमंत्री के काफिले को रोका गया वह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकती है। इसकी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए। मोदी भारत के प्रधानमंत्री है। लेकिन आज विश्व भी उन्हें अपना नेता मानने लगे हैं। साजिश का पर्दाफाश किया जाना बहुत जरूरी है जो भी इसके दोषी हैं उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।
बता दें कि शुक्रवार को बरेली में मुस्लिम धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसमें मौलाना तौकीर रजा ने हिन्दुओं को लेकर विवादित बयान दिया था। धर्म संसद में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने हिंदुओं से सवाल किया था कि श्री राम और श्री कृष्ण युग की बात करें तो राम की लड़ाई रावण से हुई थी, कृष्ण की लड़ाई कंस से हुई थी हिन्दू ये बताएं कि मुस्लमान उस युग में कहां थे और उनकी लड़ाई हिन्दुओं से कब हुई। बरेली के इस्लामिया मैदान में आयोजित इस धर्म संसद में करीब 20 हजार मुस्लिम शामिल हुए थे। आयोजन में कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं न लोगों ने मास्क लगाया था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया था।
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