कृषि कानून का मामला हो या बेरोजगारी का, भाजपा सांसद वरुण गांधी सार्वजनिक तौर पर अपनी बात को मुखरता से कह जाते हैं। यही वजह है कि नीतिगत मुद्दों पर अक्सर वह अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े दिखते हैं। बुधवार को वरुण गांधी अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में बरेली जनपद की बहेड़ी विधानसभा में थे। यहां भी उन्होंने सार्वजनिक सभाओं में नीतिगत मुद्दों को ही उठाया।
बरेली: कृषि कानून का मामला हो या बेरोजगारी का, भाजपा सांसद वरुण गांधी सार्वजनिक तौर पर अपनी बात को मुखरता से कह जाते हैं। यही वजह है कि नीतिगत मुद्दों पर अक्सर वह अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े दिखते हैं। बुधवार को वरुण गांधी अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में बरेली जनपद की बहेड़ी विधानसभा में थे। यहां भी उन्होंने सार्वजनिक सभाओं में नीतिगत मुद्दों को ही उठाया।
बहेड़ी के राईनवादा गांव में हुई सभा में सांसद वरुण गांधी ने खुद को क्रांतिकारी नेता बताते हुए कहा कि वह दूसरे नेताओं की तरह चमचागिरी नहीं करते। किसानों के मुद्दे पर उनके अलावा किसी नेता ने आवाज बुलंद नहीं की। बोले- आज राजनीति कुछ नेताओं के लिए बिजनेस बन चुकी है। चुनाव जीतने के बाद जनता के बीच नहीं जाते। उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है।
वरुण गांधी ने लोगों से अपील की कि मुफ्त में गेंहू-चावल के लिए अपने हक की आवाज उठाना मत भूल जाना। अगर आज आप चुप बैठ जाओगे तो आगे आपका जीवन बहुत कठिन राह से गुजरेगा। बोले- एक बार आपके और हमारे पूर्वजों ने इस देश को आजादी दिलाई है, मैं नहीं चाहता कि देश पुनः गुलामी की जंजीरों में बंधे।