प्रयागराज(Uttar Pradesh ) । देश में ख्याति पा चुके स्वामी प्रणव पुरी जी महाराज कभी पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। वह मूलतः यूपी के सुल्तानपुर जिले के रहने वाले हैं। वे बताते हैं कि पढ़ाई के दौरान कभी भी पिता की तरह रामकथा वाचक बनने के बारे भी नहीं सोचा था। मैं एक बार MBA का इंटरव्यू देने गया था। वहां मुझसे पूछा गया आपके पिता जी क्या करते हैं, तो मैंने जवाब दिया कि वो रामकथा वाचक हैं। जिस पर इंटरव्यूवर ने मुझसे श्रीराम चरित मानस की कोई भी एक चौपाई सुनाने को कहा, लेकिन मै एक भी चौपाई पूरी नहीं सुना सका। मैंने कोशिश बहुत की,लेकिन कोई भी चौपाई मुझे पूरी याद ही नहीं थी। जिसके बाद इंटरव्यूवर मुझ पर हंस पड़े थे।
प्रयागराज(Uttar Pradesh ) । देश में ख्याति पा चुके स्वामी प्रणव पुरी जी महाराज कभी पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। वह मूलतः यूपी के सुल्तानपुर जिले के रहने वाले हैं। वे बताते हैं कि पढ़ाई के दौरान कभी भी पिता की तरह रामकथा वाचक बनने के बारे भी नहीं सोचा था। मैं एक बार MBA का इंटरव्यू देने गया था। वहां मुझसे पूछा गया आपके पिता जी क्या करते हैं, तो मैंने जवाब दिया कि वो रामकथा वाचक हैं। जिस पर इंटरव्यूवर ने मुझसे श्रीराम चरित मानस की कोई भी एक चौपाई सुनाने को कहा, लेकिन मै एक भी चौपाई पूरी नहीं सुना सका। मैंने कोशिश बहुत की,लेकिन कोई भी चौपाई मुझे पूरी याद ही नहीं थी। जिसके बाद इंटरव्यूवर मुझ पर हंस पड़े थे।