वीडियो डेस्क। वाराणसी के जिला अदालत कोर्ट में आज वादी और प्रतिवादी पक्ष में जमकर बहस हुई बहस थी श्रृंगार गौरी में नियमित पूजा अर्चना और अन्य ग्रहों को संरक्षित करने के लिए दायर याचिका सुनने योग्य है या नहीं इस पर आज जिला जज अजय कुमार विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई।
वीडियो डेस्क। वाराणसी के जिला अदालत कोर्ट में आज वादी और प्रतिवादी पक्ष में जमकर बहस हुई बहस थी श्रृंगार गौरी में नियमित पूजा अर्चना और अन्य ग्रहों को संरक्षित करने के लिए दायर याचिका सुनने योग्य है या नहीं इस पर आज जिला जज अजय कुमार विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की बातों को सुना सबसे पहले मुस्लिम पक्ष ने अपने तरफ से तमाम दलीलें कोर्ट रूम में जज के सामने रखी । मुस्लिम पक्ष के लोगों ने कहा कि जो शिवलिंग मिलने की बात की जा रही है वह अफवाह है।कोर्ट ने श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मामले की अगली सुनवाई अब 30 मई को होगी।
मुस्लिम पक्ष की ओर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता साफ तौर पर रूल 7 आर्डर 11 के तहत श्रृंगार गौरी मामले को खारिज करने की मांग करते रहे। मुस्लिम पक्ष ने 1991 प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत कहा कि राकेश सुनने योग्य नहीं है।
सुनवाई खत्म होने के बाद विष्णु जैन ने कहा कि अभी शिवलिंग डैमेज करने की बात हमने कोर्ट में नहीं रखी है । जब कमीशन की रिपोर्ट देखी जाएगी तब हम कोर्ट के सामने अपनी इस बात को रखेंगे कोर्ट रूम में मुस्लिम पक्ष में ज्यादा समय तक अपने तर्कों को रखा है 7 11 पर मुस्लिम पक्ष अपने तर्कों को रख रहा है। वहीं विष्णु जैन ने यह भी बताया कि फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की CD काल हमें दे दी जाएगी।